एसबीआई कृषक उत्थान योजना
उद्देश्य
इस स्कीम का उद्देश्य उत्पादन एवं उपभोग के लिए लघु अवधि के ऋण उपलब्ध करवाना है ताकि किराएदार किसानों, बंटाईदारों और मौखिक पट्टाधारियों की जरूरतें पूरी हो सकें, ये वे लोग हैं जिनके पास न तो जमीन होने का कोई अभिलेख होता है और न ही इनके पास फसल उगाने का दावा करने के कोई कागजात होते हैं | इस ऋण से कृषि उत्पादन कार्यों से उनकी आय बढाने में मदद मिलेगी |
पात्रता
भूमिहीन मजदूर, बंटाईदार, किराएदार किसान, मौखिक पट्टाधारी ( इसमें मौखिक किराएदार और सीमांत किसान भी शामिल हैं) जिनके नाम कोई भूमि अभिलेख नहीं हैं वे सभी पात्र हैं | उनके स्थायी आवासीय पते का प्रमाण होना चाहिए और वह यहाँ न्यूनतम विगत दो वर्ष से रह रहा हो|
इस स्कीम में प्रवासी खेतिहर शामिल नहीं हैं|
ऋण राशि
अधिकतम रू. 100,000, इसमें उपभोग ऋण अधिकतम रू. 20,000/- होगा |
क्या कागजात जरूरी होंगे?
आवास का प्रमाण पत्र
पहचान का प्रमाण
निर्धारित फॉर्मेट में नोटरीकृत शपथ-पत्र |
ऋण का भुगतान
बिक्री आय कैश क्रेडिट खाते में जमा की जाए |
कृषि स्वर्ण ऋण
बैंक किसानों/कृषिविदों को फसल उत्पादन व्ययों, कृषि एवं/अथवा सहायक कृषि गतिविधियों से संबंधित निवेश व्ययों की पूर्ति करने हेतु अपनी चलनिधि बढ़ाने के लिए स्वर्ण आभूषणों/सोने के गहनों पर झंझटमुक्त ऋण देता है।
योजना के लिए पात्रता
ऐसा कोई भी व्यक्ति जो कृषि अथवा सहायक गतिविधियों से जुड़ा हो। इसके साथ ही कृषि के अंतर्गत वर्गीकरण हेतु पात्र गतिविधियों से जुड़ा कोई भी व्यक्ति। कृषि गतिविधि (भू-अभिलेख आदि का प्रमाण) का प्रमाण आवश्यक है।
ऋण की मात्रा
आभूषणों के 75 प्रतिशत मूल्य तक। मूल्य एस बी आई टाइम्स के जरिए बैंक दवारा आवधिक रूप से सूचित किए अनुसार होगा।
प्रतिभूति
स्वर्ण आभूषणों की गिरवी
ऋण चुकाने की अवधि
नकदी ऋण/ओवरड्राफ्ट:किसान क्रेडिट कार्ड की तरह यह 3 वर्षों की अवधि के लिए चल खाता होगा, जिसकी समीक्षा वार्षिक अंतरालों पर की जाएगी। मांग ऋण/मीयादी ऋण: ऋण की चुकौती अवधि इस तरह से तय की जाए कि वह फसल कटाई एवं विपणन मौसम/गतिविधि से आय सृजन के समय हो, जिससे फसल काटने के बाद उत्पाद का विपणन एवं राशि वसूल करने के लिए 2 से 3 महीनों का समय मिल सकें। पर कुल अवधि अल्पावधि ऋण/उत्पादन ऋण के मामले में ऋण संवितरण से एक वर्ष से अधिक तथा अन्य मामलों में 36 महीनों से अधिक न हों।
किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी)
उद्देश्य
किसानों को उनकी ऋण की आवश्यकताओं (कृषि संबंधी खर्चों ) की पूर्ति के लिए पर्याप्त एवं समय पर ऋण की सुविधा प्रदान करना साथ ही आकस्मिक खर्चों के अलावा सहायक कार्यकलापों से संबंधित खर्चौ की पूर्ति करना। यह ऋण सुविधा एक सरलीकृत कार्यविधि के माध्यम से यथा आवश्यकता आधार पर प्रदान की जाती है।
योजना के पात्र
सभी किसानों – एकल/ संयुक्त उधारकर्ता जो कि स्वामित्वधारी कृषक हैं।
किराए के काश्तकार, जुबानी पट्टाधारी एवं सांझा किसान इत्यादि
स्व सहायता समूह या संयुक्त दायित्व समूह के किसान जिसमें किराए के काश्तकार, सांझा किसान शामिल हैं इत्यादि
ऋण की राशि
पहले वर्ष के लिए अल्पावधि ऋण सीमा प्रदान की गई है जो कि प्रस्तावित फसल पद्धति एवं वित्त के मान के अनुसार उगाई गई फसलों पर आधारित होगी।
फसलोत्तर / घरेलू / उपभोग की आवश्यकताओं एवं कृषि आस्तियों,फसल बीमा, वैयक्तिक दुर्घटना बीमा योजना (पीएआईएस) एवं आस्ति बीमा के रखरखाव संबंधी खर्चों।
प्रत्येक अगले वर्षों (दूसरे, तीसरे, चौथे वर्ष) में यह सीमा 10% की दर से बढा दी जाएगी (पॉंचवे वर्ष के लिए किसानों को अल्पावधि ऋण की सीमा पहले वर्ष से लगभग 150%अधिक की स्वीकृति दी जाएगी)
केसीसी की सीमा का निर्धारण करते समय कृषि यंत्रों /उपकरणों आदि के रूप में छोटी राशियों की निवेश की आवश्यकताएं (जैसे स्प्रेयर, हल आदि) जो कि एक वर्ष की अवधि में देय होगी को शामिल किया जाएगा। ( ऋण के इस हिससे को दूसरे से पॉंचवे वर्ष के दौरान स्वत: आधार पर शामिल नहीं किया जाएगा परन्तु संबंधित वर्ष के लिए अधिकतम आहरण सीमा की गणना करते समय प्रत्येक वर्ष में इस अंश के लिए ऋण की आवश्यकता को शामिल किया जाएगा।
पॉंचवे वर्ष के लिए अल्पावधि ऋण सीमा की गणना साथ् ही निवेश ऋण अपेक्षाएं (पॉंच वर्षों में सर्वाधिक) को अधिकतम अनुमत्त सीमा (एमपीएल) होगी एवं उसे किसान क्रेडिट कार्ड सीमा के रूप में संस्वीकृत किया जाएगा।
पहले वर्ष के लिए आंकी गई अल्पावधि ऋण सीमा के साथ अपेक्षित अनुमानित निवेश ऋण सीमा बताया गया है (एमडीएल)|
विशेषताएं
केसीसी के उधारकर्ता को एक एटीएम सह डेबिट कार्ड जारी किया जाएगा (स्टेट बैंक किसान डेबिट कार्ड) ताकि वे एटीएमों एवं पीओएस टर्मिनलों से आहरण कर सकें।
केसीसी एक विविध खाते के स्वरूप का होगा। इस खाते में कोई जमा शेष रहने की स्थिति में उस पर बचत खाते के समान ब्याज मिलेगा ।
केसीसी में 3 लाख रु तक की राशि पर प्रसंस्करण शुल्क नहीं लगाया जाता है।
निम्नलिखित के लिए संपार्श्विक प्रतिभूति में छूट दी गई है:
क. 1 लाख रूपये तक की सीमा पर
ख. 3 लाख रूपये तक के ऋणों की सीमाओं के लिए जिनके संबंध में वसूली के लिए गठबंधन व्यवस्था की गई है।
केसीसी खातों का वार्षिक आधार पर नवीकरण करना आवश्यक है जो कि उपर्युक्त देय तारीखों से काफी पहले किया जाना आवश्यक है ताकि 5 वर्षों के लिए सतत आधार पर इसकी ऋण सीमा को जारी रखा जा सके। अत: शाखाओं को सुनिश्चित करना होगा कि वे यथा आवश्यकता परिसीमन अधिनियम के तहत 3 वर्षों की समाप्ति के पूर्व नवीकरण पत्र प्राप्त कर ले ।
इस नवीकरण के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए वर्तमान अनुदेशों के अनुसार शाखाएं (उगाई गई फसलों / प्रस्तावित फसलों के संबंध में) संबंधित उधारकर्ताओं से एक साधारण-सा घोषणा-पत्र प्राप्त कर लें। केसीसी उधारकर्ताओं की संशोधित एमडीएल आवश्यकताओं का निर्धारण प्रस्तावित फसल की पद्धति एवं उनके द्वारा घोषित क्षेत्रफल के आधार पर किया जाएगा।
पात्र फसलों को फसल बीमा योजना- राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) के अंतर्गत कवर किया जाएगा।
ऋणों का संवितरण
फसलों की कटाई संबंधी जरूरतों के अनुसार ऋणों का नकदी संवितरण किया जाएगा।
ऋण चुकाने की अवधि
खरीफ(एकल) (1 अप्रैल से 30 सितम्बर ) – 31 जनवरी
रबी(एकल) (1 अक्तूबर से 31 अक्तूबर) – 31 जुलाई
दोहरी/विविध फसलों (खरीफ एवं रबी फसलों) – 31 जुलाई
दीर्घावधि फसलों ( वर्ष भर) – 12 माह (पहले संवितरण की तारीख से )
उधारकताओं को चुकौती तारीख के अंतर्गत अपनी कृषि आय या अन्य जमाओं को केसीसी खाते में जमा करना होता है जो कि ब्याज एवं अन्य प्रभारों के साथ एक न्यूनतम ऋण राशि के बराबर होना चाहिए।
उत्पाद विपणन ऋण
उद्देश्य
किसानों को अपने उत्पाद को मजबूरन बेचने से रोकना
कृषि ऋण के बकाया की त्वरित आधार पर चुकौती करने में सहायता करना एवं आकस्मिक आवश्यकताओं से निपटने के लिए नकदी उपलब्ध कराना।
फार्म गृहों में रखे स्टॉक के बदले ऋण सुविधा प्रदान करना जो कि वेयरहाउस के बदले प्रदान किए जाने वाले ऋण के अलावा है।
ऋण के लिए पात्रता
हमारी शाखाओं के ऐसे सभी उधारकर्ता जिन्होंने ऋण चुकौती में कोई चूक नहीं की है तथा जो अपने उत्पादों को अपने फार्म हाउसों/परिसरों में भंडारित किया हो या किसी वेयरआउस/कोल्ड स्टॉरेज में भंडारित करके रखा हो।
अन्य बैंकों के फसल ऋण उधारकर्ता तथा साथ ही ऐसे गैर-उधारकर्ता किसान जिन्होंने अपने उत्पाद को वेयरहाउस/कोल्ड स्टॉरेज में भंडारित करके रखा है।
ऋण की राशि
उत्पादों के मूल्य का 60 से 80 % जो कि भंडारण के स्थान पर निर्भर होगी एवं 50 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी।
आपको कौन से दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे?
मूल्यांकन के लिए स्टॉक विवरण एवं उधारकर्ता के आवास पर स्टॉक का प्रमाण/ गोदाम वेयरहाउस की रसीद जो कि विधिवत रूप से पृष्ठांकित हो कि उत्पाद वेयर हाउस में स्टॉक करके रखा गया है।
प्रतिभूति :
किसान के गोदाम में भंडारित उत्पादों के बदले ऋण
प्राथमिक : स्टॉकों का दृष्टिबंधन
संपार्श्विक : भूमि का बंधक या प्रभार या 1,00,000/- रु से अधिक के ऋणों के मामलों में तीसरे पक्ष की गारन्टी
वेयरहाउस रसीदों के बदले स्वीकृत किए जाने वाले ऋण
प्राथमिक : स्टॉकों का रेहन
संपार्श्विक : योजना के अंतर्गत अधिकतम अनुमत्त 10 लाख रु तक की सीमा के लिए किसी संपार्श्विक की आवश्यकता नहीं है।
संवितरण :
ऋण राशि की चकौती होने के बाद अतिरिक्त राशि को आहरण के लिए उपलब्ध कराया जाता है।
ऋण चुकाने की अवधि
ऋण की चकौती अधिकतम 12 माह की अवधि में करनी होगी जो कि फसल निर्भर होगी तथा विशिष्ट मंडलो के लिए अलग अलग गोदामों के मॉडलों के लिए अलग अलग अधिकतम अवधि निर्धारित की गई है।
किसान गोल्ड कार्ड योजना (केजीसी)
केजीसी एक बहु-उद्देश्य ऋण योजना है जो कि किसानों के उत्पादों एवं उपभोग के संबंध में धनराशि की आवश्यकताओं की पूर्ति करती है। उपभोग संबंधी ऋणों के अंतर्गत उनके बच्चों की शिक्षा, विवाह, चिकित्सा खर्चों आदि को इस सीमा में 20%तक शामिल किया गया है।
योजना की पात्रता
ऐसे किसान जिनका पिछले 2 वर्षों में चुकौती का उत्कृष्ट रेकार्ड है, नए किसान जिनके हमारी शाखाओं में पिछले 2 वर्षों में बड़े जमा रखे हुए हैं, अन्य बैंकों के अच्छे उधारकर्ता जिनके खाते बंद हो गए हैं इस योजना के अधीन पात्र हैं।
उद्देश्य
स्वीकृत किए गए ऋणों को किसी भी उत्पादन आस्ति के सृजन के लिए उपयोग में लाया जा सकता है सिवास भूमि की खरीद, फार्म हाउस के निर्माण एवं र्टेक्टर एवं उसके सहायक उपकरणों की खरीद के लिए।
ऋण की राशि
ऋण की राशि का निर्धारण वार्षिक कृषि आय के 5 गुना या संपार्श्विक प्रतिभूति के रूप में रखी (रखी जाने वाली) भूमि के मूल्य के 50%,दोनों से जो भी कम हो, तक किया जा सकता है जो कि अधिकतम 10 लाख रुपये होगी।
ऋण के लिए आवश्यक दस्तावेज
भूमि का रेकार्ड, जो कि बैंक को पहले से प्रदान किए गए रेकार्ड के अलावा होगा, ऋणभारिता प्रमाणपत्र यदि अपेक्षित हो तो।
प्रतिभूति
1,00,000/- रु तक के सृजित आस्तियों का दृष्टिबंधक
1,00,000/- रु तक के आस्तियों का दृष्टिबंधक एवं भूमि के ऊपर बंधक/प्रभार या अन्य कोई गोचर प्रतिभूति
ऋण चुकाने की अवधि
ऋण की चुकौती फसलों की कटाई या 6-7 वर्षों के दौरान चलाए जा रहे कृषि कार्यकलापों के माध्यम से सृजित नकदी के आधार पर तिमाही/अर्ध-वार्षिक /वार्षिक किस्तों में की जाएगी। हालांकि बागवानी के बगीचों की स्थापना के लिए गए ऋण की सीमा को संस्वीकृति की तारीख से 9 वर्षों में चुकाया जा सकता है।
कृषि-क्लिनिक एवं कृषि व्यवसाय केन्द्रों की स्थापना
उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य तकनीकी रूप से प्रशिक्षित व्यक्तियों को स्व-रोजगार की सुविधाएं उपलब्ध कराना एवं कृषि के लिए विस्तार सेवाओं में वृद्धि करना है।
योजना के अंतर्गत ऋण की पात्रता
राज्य कृषि विश्वविद्यालयों/केन्द्रीय कृषि विश्वद्यालयों/आईसीएआर/ यूजीसी द्वारा मान्यताप्राप्त कृषि एवं संबधित विषयों में स्नातक।
अन्य एजेन्सियों द्वारा प्रदान की जाने वाली कृषि एवं संबधित विषयों में डिग्रियॉं भी स्वीकार की जा सकती हैं बशर्ते राज्य सरकार की सिफारिशों पर उन्हें कृषि एवं सहकारिता विभाग, भारत सरकार के द्वारा उन्हें अनुमोदित किया गया हो।
राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, राज्य शिक्षा से कृषि एवं संबंधित विषयों में डिप्लोमा (न्यूनतम 50% अंकों के साथ)। अन्य एजेन्सियों द्वारा प्रदान की जाने वाली कृषि एवं संबधित विषयों में डिप्लॉमा भी स्वीकार की जा सकती हैं बशर्ते राज्य सरकार की सिफारिशों पर उन्हें कृषि एवं सहकारिता विभाग, भारत सरकार के द्वारा उन्हें अनुमोदित किया गया हो।
जीव वैज्ञान के स्नातक जिन्होंने कृषि एवं सहायक विषयों में स्नातोक्तर उपाधि पास की है।
यूजीसी के द्वारा अनुमोदित डिग्री पाठ्यक्रम जिसमें कुल पाठ्यक्रम का 60% हिस्सा कृषि एवं सहयोगी विषयों पर हो।
जीव विज्ञान के साथ बीएससी के पश्चात मान्यता प्राप्त विद्यालयों एवं विश्विद्यालयों से ऐसे डिग्री/ स्नातकोत्तर डिप्लोमा पाठ्यक्रमजिसमेंकुल पाठ्यक्रम का 60% हिस्सा कृषि एवं सहयोगी विषयों पर हो।
इंटरमिडीयेट (अर्थात प्लस टू) स्तर के कृषि से संबंधित पाठ्यक्रम न्यूनतम 55% अंको के साथ कृषि से संबंधित विषय जैसे बागवानी, पशुपालन,वानिकी, डेयरी, पशू चिकित्सा, मुर्गी-पालन, पिस्कीकल्चर एवं अन्य कार्यकलाप।
उपक्रमों की सूची:
मृदा एवं जल गुणवत्ता के साथ साथ इनपुट परिक्षण लेबॉटरीज़।
निदान उपरांत निगरानी, डायग्नॉस्टिक एवं नियंत्रण सेवाएं।
कृषि औजारों एवं माइक्रॉ सिंचाई प्रणाली का रखरखाव, मरम्मत एवं विशिष्ट आधार पर किराए पर लेना।
कृषि सेवा केन्द्र जिसमें उपर्युक्त तीनों प्रकार के कार्यकलाप शामिल हैं। (समूह कार्यकलाप)
बीज प्रसंस्करण इकाईयॉं।
प्लांट टिश्यू कल्चर लैब एवं हार्डनिंग इकाईयों के माध्यम से माइक्रो आधार पर प्रोत्साहन।
वर्मिकल्चर इकाइयों की स्थापना, जैव-उरर्वकों, जैव कीटनाशकों(जैव नियंत्रण एजेन्ट) का उत्पादन।
मधुकक्षिशाला एवं शहद, मधुमक्षीउत्पाद,इकाइयों का प्रसंस्करण।
कृषि बीमा सेवाओं के लिए सुगमीकरण एवं एजेन्सी।
विस्तार, कंस्लटेंसी सेवाएं।
हैचरीज एवं मत्स्यपालन के लिए फिशफिंगरिंग।
मवेशियों के लिए स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराना, पशु चिकित्सा डिस्पेंसरियों एवं फ्रोजन, वीर्य बैंकों एवंतरल नायट्रॉजन सप्लाई जैसी सेवाओं की स्थापना करना।
चारा प्रसंस्करण एवं प्रशिक्षण इकाइयों की स्थापना।
मूल्य योजित इकाइयॉं
खेत के स्तर से शीत श्रंखला की स्थापना करना ( समूह कार्यकलाप)
छंटाई, श्रेणिकरण, मानकीकरण , भंडारण एवं पैकेजिंग के लिए फसलोत्तर प्रबंधन केन्द्र।
भंडारण के लिए घातु एवं घातु-इतर ढांचों की स्थापना।
प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों के लिए रिटेल विपणन केन्द्र।
फार्म निविष्टयों एवं उत्पादों की ग्रामीण विपणन डीलरशिप। स्नातकों के द्वारा इनमें से चुनी गई 2 या अधिक कार्यपालकों का कोई आर्थिक दृष्टि से लाभप्रद मिश्रण जो कि बैंक को स्वीकार्य हो
ऋण की राशि
वैयक्तिक कार्यकलाप – रु 20 लाख (अत्यंत सफल वैयक्तिक परियोजनाओं के लिए 25 लाख)
समूह कार्यकलाप- रु 100 लाख( अधिकतम)। समूह के मामले में यदि 5 या अधिक व्यक्तियों का समूह है तो उनमें से किसी एक इस योजना के अधीन कृषि स्नातक प्रशिक्षण होना चाहिए एवं शेष गैर-कृषि स्नातक हो सकते हें जिनका व्यवसाय एवं प्रबंधन में अनुभव हो।
5 लाख रुपये तक के ऋणों की राशि- 100%
5 लाख रुपये से अधिक के ऋणों की राशि – लागत का 85%
सॉफ्ट ऋण सहायता
इनमें से 50% मार्जिन की राशि आवेदक को उपलब्ध करानी होगी जो कि नाबार्ड के द्वारा सॉफ्ट ऋण के रूप में बिना कोई ब्याज के उपलब्ध कराई जाती है।
सब्सिडी
महिलाओं,एसएसी/एसटी एवं उत्तर पूर्वी एवं पहाडी राज्यों के प्रत्याशियों के लिए बॅक एंड कंपॉजिट सब्सिडी परियोजना लागत का 44% होगी एवं अन्यों के लिए यह सब्सिडी 36% होगी। सब्सिडी के अंश पर कोई ब्याज नहीं लगाया जाएगा क्योंकि यह सब्सिडी 3 वर्षों की लॉक-इन अवधि के साथ अग्रिम तौर पर प्रदान की जाती है।
प्रतिभूति
5 लाख रुपये तक के सृजित आस्तियों का बंधक
5 लाख रुपये से अधिक
सृजित आस्तियों का बंधक एवं भूमि का बंधक या अन्य पक्ष की गारन्टी
ऋण की चुकौती का प्रकार
यह ऋण अधिकतम 2 वर्षों की अनुग्रह अवधि के साथ 5-10 वर्षों में चुकाया जाएगा।
ऋण के लिए आवेदन कैसे करना है
आवेदन के लिए आप हमारी नजदीक की शाखा से संपर्क करें एवं अपने शैक्षिक योग्यता एवं अनुभव के प्रमाणपत्र यदि कोई हो तो, प्रस्तुत करें।
भूमि खरीदी योजना
उद्देश्य
लघु एवं सीमांत किसानों एवं भूमिहीन कृषि मजदूरों को भूमि की खरीद करने में सहायता करनाजो कि वर्तमान में हमारे उधारकर्ता हैं ताकि जोत क्षेत्र को जोड़ा जा सके एवं बेकार एवं ऊसर भूमि का विकास किया जा सके।
योजना की पात्रता
ऐसे लघु एवं सीमांत किसान जिनका उनके नाम पर असिंचित जोत क्षेत्र 5 एकड़ से कम है/ सिंचित जोत क्षेत्र 2.5 है, भूमिहीन कृषि मजदूर।
उधारकर्ता का पिछले दो वर्षों का चुकौती संबंधी रेकार्ड उत्तम रहा है।
अन्य बैंकों के उत्तम श्रेणी के उधारकर्ता भी योजना के लिए पात्रहैं बशर्ते उन्होंने अपनी बकायों का परिसमापन समय पर किया हो।
ऋण की राशि
ऋण इनमें से किसी के लिए प्रदान किया जा सकता है
भूमि के मूल्य
सिंचाई सुविधाओं एवं भूमि विकास की व्यवस्था (जो कि भूमि के लागत का 50% से अधिक नहीं होना चाहिए)
खेती के औजारों की खरीद
पंजीकरण एवं स्टांप ड्यूटी।
ऋण की राशि भूमि की लागत के 85% से अधिक नहीं होनी चाहिए जैसा कि बैंक के द्वारा आंकी गई हो जो कि अधिकतम 5 लाख रुपये से अधिक नहीं होगी।
प्रतिभूति
खरीदी जाने वाली भूमि का बंधक
ऋण की चुकाने की अवधि
उत्पादन पूर्व अवधि की समाप्ति के बाद अधिकतम 9-10 वर्षों में अर्धवार्षिक किस्तों के द्वारा। इस योजना में विकसित भूमि के लिए उत्पादन पूर्व अवधि अधिकतम 1 वर्ष एवं विकसित की जाने वाली भूमि के मामले में अधिकतम 2 वर्ष है।
स्रोत: भारतीय स्टेट बैंक व बैंक की स्थानीय शाखाएं