परिचय
इस भाग में उत्तर प्रदेश सरकार के गन्ना विभाग में अधिकतम पूछे गए प्रश्नों का उत्तर इन्ही विभागों के विशेषज्ञों ने दिया है|
प्र.:- वर्तमान में गन्ना विकास विभाग में क्या-क्या विकास योजनायें संचालित हैं ?
उ.:- गन्ना विकास विभाग में मुख्य रूप से दो योजनायें संचालित हैं –
- जिला योजना
-
राष्ट्रीय कृषि विकास योजना
प्र.:- गन्ना विभाग में लागू जिला योजना में कौन-कौन सी गन्ना विकास की योजनायें शामिल हैं?
उ.:- जिला योजना में उन्नतिशील गन्ना बीज उत्पादन कार्यक्रम, बीज एवं भूमि उपचार, पेड़ी प्रबन्धन एवं अन्तरग्रामीण सड़क निर्माण कार्यक्रम शामिल है।
प्र.:- क्या राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आर. के. वी. वाई.) गन्ना विभाग में लागू है ?
उ.:- हां। यह योजना गन्ना विभाग में वर्ष 2.11-12 में लागू हुई।
प्र.:- राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में क्या-क्या कार्यक्रम शामिल हैं ?
उ.:- इस योजना में अभिजनक, आधार व प्राथमिक गन्ना बीज उत्पादन कार्यक्रम, क्षेत्र प्रदर्शन, कृषियंत्र वितरण, माइक्रोन्यूट्रियन्ट वितरण, गन्ना उत्पादकता पुरस्कार, मृदापरीक्षण प्रयोगशाला स्थापना, किसान मेला आयोजन आदि शामिल हैं।
प्र.:- आर. के. वी. वाई. के अंतर्गत अभिजनक (ब्रीडर) सीड कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य संबंधित गन्ना विकास परिषद में आवेदन कर शरदकालीन एवं बसंतकालीन बुवाई हेतु उपलब्धता के अनुसार अभिजनक (ब्रीडर) बीज प्राप्त कर सकते हैं।
प्र.:- आर. के. वी. वाई. के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का लाभ कैसे प्राप्त कर सकते हैं ?
उ.:-गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य संबंधित गन्ना विकास परिषद से सम्पर्क कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।
प्र.:- आर. के. वी. वाई. के अंतर्गत कृषक गन्ना उत्पादकता पुरस्कार हेतु आवेदन कैसे करें ?
उ.:- गन्ना समिति का कोई भी वैधानिक सदस्य उक्त पुरस्कार हेतु प्रत्येक वर्ष 15 सितम्बर तक संबंधित गन्ना विकास परिषद में अपना आवेदन कर सकते हैं।
प्र.:- आर. के. वी. वाई. के अंतर्गत अनुदानित दर पर कृषि यन्त्र कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- गन्ना समिति का कोई भी वैधानिक सदस्य संबंधित गन्ना समिति में अनुदानित कृषि यंत्र हेतु निर्धारित प्रारूप पर आवेदन कर नियमानुसार यंत्र प्राप्त कर सकता है।
प्र.:- आर. के. वी. वाई. के अंतर्गत अनुदानित दर पर माइक्रोन्यूट्रियन्ट (सूक्ष्म पोषक तत्व) कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- गन्ना समिति का कोई भी वैधानिक सदस्य संबंधित गन्ना समिति में अनुदानित माइक्रोन्यूट्रियन्ट हेतु आवेदन कर नियमानुसार माइक्रोन्यूट्रियन्ट प्राप्त कर सकता है।
प्र.:- आर. के. वी. वाई. के अंतर्गत गन्ना क्षेत्र प्रदर्शन का लाभ कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- गन्ना समिति का कोई भी वैधानिक गन्ना उत्पादक सदस्य संबंधित गन्ना विकास परिषद में निर्धारित प्रारूप पर नियमानुसार गन्ना क्षेत्र प्रदर्शन का लाभ उठाने हेतु आवेदन कर सकते हैं ।
प्र.:- गन्ना विभाग में गन्ना उपज बढ़ोत्तरी हेतु आवेदन कब करें ?
उ.:- गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य उपज बढ़ोत्तरी हेतु प्रत्येक वर्ष 15 सितम्बर तक संबंधित गन्ना समिति में सट्टा नीति के अन्तर्गत निर्धारित फीस जमा करते हुये आवेदन कर सकते हैं।
प्र.:- बेसिक कोटा कटने की स्थिति में क्या करें ?
उ.:- गन्ना समिति का कोई भी वैधानिक सदस्य जिसका बेसिक कोटा कट रहा हो, तो उसे निर्धारित फीस के साथ प्रतिवर्ष 15 सितम्बर तक संबंधित गन्ना समिति में उपज बढ़ोत्तरी हेतु आवेदन करना चाहिये। यदि जांच में कृषक की उपज जनपद की औसत उपज से अच्छी पायी जाती है तो उसका बेसिक कोटा बच सकता है।
प्र.:- बेसिक कोटा क्या है ?
उ.:- गन्ना आयुक्त, उत्तर प्रदेश द्वारा इस वर्ष जारी सट्टा नीति के अनुसार विगत दो वर्षों की गन्ना आपूर्ति के औसत को बेसिक कोटा कहते हैं।
प्र.:- गन्ना सट्टा क्या है ?
उ.:- गन्ना आपूर्ति नीति के अनुसार गन्ना समिति के किसी भी वैधानिक गन्ना आपूर्ति कर्ता का उसके गन्ना उत्पादन की 85 प्रतिशत सीमा तक आपूर्ति हेतु अनुबंधित गन्ने की मात्रा को गन्ना सट्टा कहते हैं।
प्र.:- यदि गन्ने का सट्टा कम है और कृषक के गन्ने की उपज ज्यादा है तो कृषक अधिक उपज की आपूर्ति कैसे करायें ?
उ.:- संबंधित चीनी मिल की गन्ना आवश्यकता के अनुसार कुल गन्ना सट्टा कम होने की स्थिति में गन्ना समिति का कोई वैधानिक सदस्य कुल गन्ना उत्पादन की 85 प्रतिशत सीमा तक नियमानुसार आवेदन कर समानुपातिक रूप से सामान्य बढ़ोत्तरी/अतिरिक्त सट्टा करा सकते हैं।
प्र.:- यदि गन्ना कृषक सेना में है तो उन्हें गन्ना आपूर्ति में क्या वरीयता प्राप्त है ?
उ.:- यदि गन्ना समिति का कोई वैधानिक सदस्य सेना में है/रहा है तो उसे गन्ना आपूर्ति में 2. प्रतिशत की प्राथमिकता दी जाती है जो माह जनवरी से उपलब्ध होती है।
प्र.:- कृषक सहकारी गन्ना समितियों से कृषि निवेश (यथा उर्वरक, कीटनाशक आदि) कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- गन्ना समिति का कोई भी वैधानिक गन्ना आपूर्तिकर्ता सदस्य संबंधित गन्ना समिति में सम्पर्क कर कृषक की स्वीकृति ऋण सीमा के अंतर्गत नियमानुसार कृषि निवेश प्राप्त कर सकते हैं।
प्र.:- क्या गन्ना समितियां गन्ना किसानों को कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराती हैं ?
उ.:- गन्ना समितियां नाबार्ड योजना अन्तर्गत समिति के वैधानिक गन्ना आपूर्ति कर्ता सदस्यों को सरकार द्वारा निर्धारित ब्याज दर पर कृषक की स्वीकृति ऋण सीमा के अंतर्गत नियमानुसार कृषि निवेश के रूप में ऋण उपलब्ध कराती हैं।
प्र.:- गन्ने की फसल में पायरिला की रोकथाम के उपाय क्या हैं?
उ.:- यह कीट हल्के भूरे रंग का 1.-12 मिलीमीटर लम्बा व चोंचनुमा होता है। इसके शिशु तथा वयस्क गन्ने की पत्ती से रस चूसकर क्षति पहुंचाते हैं। इसका प्रकोप माह अप्रैल से अक्टूबर तक पाया जाता है।
रोकथाम के उपाय
1. अण्डसमूहों को निकाल कर नष्ट करना।
2. निम्न कीटनाशकों में से किसी एक को 625 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए-
(क) क्वीनालफास 25 प्रतिशत घोल ..8. लीटर प्रति हेक्टेयर।
(ख) डाइक्लोरवास 76 प्रतिषत घोल ..315 लीटर प्रति हेक्टेयर।
(ग) क्लोरोपाइरीफास 2. प्रतिषत घोल ..8. लीटर प्रति हेक्टेयर।
नोटः- इसके परजीवी इपिरिकेनिया मिलैनोल्यूका (निम्फ एवं व्यस्क) तथा अंड परजीवी टेट्रास्टीकस पायरिली यदि पाइरिला प्रभावित खेत में दिखाई दे तो किसी भी कीटनाशक का प्रयोग नहीं करना चाहिये। ऐसी स्थिति में परजीवी करण को बढाने के लिए सिंचाई का समुचित प्रबन्ध एवं गन्ने में हो रही क्षति को रोकने के लिए यूरिया की टापड्रेसिंग करना चाहिए।
प्र.:- प्रदेश में गन्ने की बुआई का उपयुक्त समय क्या है?
उ.:- उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुवाई वर्ष में दो बार की जाती हैः- बुवाई का उपयुक्त समय शरदकाल – मध्य सितम्बर से अक्टूबर बसन्तकाल – पूर्वी क्षेत्र मध्य जनवरी से फरवरी – मध्य क्षेत्र फरवरी से मार्च – पश्चिमी क्षेत्र मध्य फरवरी से मध्य अप्रैल
प्र.:- गन्ने के बीज का बुवाई से पूर्व उपचार कैसे किया जाता है?
उ.:- परायुक्त रसायन जैसे- एरीटान 6 प्रतिशत या एगलाल 3 प्रतिषत की क्रमश: 28. ग्राम या 56. ग्राम अथवा बाविस्टन की 112 ग्राम मात्रा प्रति हेक्टेयर को 112 लीटर पानी में घोल बना कर गन्ने के पैड़ो को डुबोकर उपचारित करना चाहिए।
प्र.:- गन्ना बोते समय पंक्ति से पंक्ति की दूरी कितनी होनी चाहिए?
उ.:- शरदकालीन एवं बसन्तकालीन बुवाई में पंक्ति से पंक्ति के बीच की दूरी 9. सेंटीमीटर तथा देर से बुवाई में 6. सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए।
प्र.:- गन्ने की फसल की सिंचाई की उपयुक्त विधियां क्या है?
उ.:- गन्ने की फसल की सिंचाई निम्न प्रकार से की जानी चाहिये-
1. बुवाई के समय नमी की कमी या देर बसन्त की दषा में पहले सिंचाई बुवाई के तुरन्त बाद करें।
2. पर्याप्त नमी की दषा में उपयुक्त समय पर बुवाई की गयी हो तो पहली सिंचाई अंकुरण होते समय करना चाहिये।
3. मिट्टी के अनुसार ग्रीष्मकाल में 1.-12 दिन के अन्तराल पर सिंचाई करना आवष्यक है।
4. वर्षाकाल में 2. दिन तक वर्षा न होने की दषा में सिंचाई अवष्य करें। नाली में सिंचाई करने से प्रति सिंचाई 6. प्रतिषत पानी की बचत होती है।
5. नाली में सिंचाई करने से केवल 2.5-3 घंटा प्रति हेक्टेयर का समय लगता है जिससे ईंधन व डीजल की बचत होती है।
प्र.:- गन्ने की फसल में कितनी नत्रजन की आवष्यकता होती है?
उ.:- किलोग्राम नत्रजन प्रति हेक्टयर की आधी मात्रा बावक की कटाई उपरांत सिंचाई के बाद तथा शेष नत्रजन ब्यात आरम्भ होने पर लाइनों में देनी चाहिए। मई-जून में 5 प्रतिषत यूरिया के घोल में 1.. लीटर प्रति हेक्टेयर क्लोरपाइरीफास 2. ई.सी. कीटनाशक मिलाकर दो बार छिड़काव करना लाभप्रद है।
प्र.:- गन्ने की खेती में ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें क्या है?
उ.:- गन्ने की खेती में निम्न महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1. अन्तः फसलों के लिए अलग से संस्तुति अनुसार उर्वरकों की समय से पूर्ति करनी चाहिए।
2. अन्तः फसल काटने के बाद शीघ्रतिशीघ्र गन्ने में सिंचाई व नत्रजन की टाप डेसिंग करके गुड़ाई की जानी चाहिए।
3. रिक्त स्थानों में पहले से अंकुरित गन्ने के पैड़ो से गैप फिलिंग करनी चाहिए।
4. जल ठहराव की अवस्था में अविलम्ब जल निकास का प्रबन्ध करना चाहिए।
5. नमी का संरक्षण व खरपतवार नियंत्रण हेतु जमा पूरा होने के पश्चात रोग/कीटमुक्त गन्ने की पताई की 1. सेंटीमीटर मोटी तह पंक्तियों के बीच में बिठानी चाहिए।
6. सीमिति सिंचाई साधन की स्थिति में एकान्तर नालियों में सिंचाई करना लाभकारी पाया गया है।
7. गामा. बी.एच.सी. का प्रयोग क्षारीय भूमि में नहीं करना चाहिए।
8. चोटीवेधक कीट के नियंत्रण हेतु अप्रैल-मई माह में कीटग्रसित पौधों को खेत से निकालते रहें तथा जून के अन्तिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक खेत में पर्याप्त नमी होने की दषा में 3. किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से कार्बोफ्यूरांन 3 जी गन्ने की लाइनों में डालें।
9. जलप्लावित क्षेत्रों में यूरिया का 5 से 1. प्रतिषत पर्णीय पत्तियों पर छिड़काव लाभदायक पाया गया है।
10. वर्षाकाल में 2. दिन तक वर्षा न होने पर सिंचाई अवष्य करनी चाहिए।
प्र.:- उत्तर प्रदेश में कौन सी गन्ना फसल प्रतियोगितायें आयोजित की जाती है?
उ.:- विभाग में गन्ना समितियो, गन्ना विकास परिषदों, चीनी मिलों, बीज निगमों तथा गन्ना संघ के अंशदान द्वारा संचालित गन्ना प्रतियोगिताओं का विस्तृत विवरण इस प्रकार है-
1. जोनल गन्ना प्रतियोगिता (चीनी मिल परिक्षेत्र स्तर पर)
2. क्षेत्रीय गन्ना प्रतियोगिता (संयुक्त/उप गन्ना आयुक्त परिक्षेत्र स्तर पर)
3. राज्य गन्ना प्रतियोगिता (राज्य स्तर पर)
गन्ने की मुख्य फसल पौधा और पेड़ी होने के कारण उक्त प्रतियोगितायें भी दोनों तरह की फसलों के लिए अलग-अलग प्रतिवर्ष आयोजित की जाती है।
गन्ना सूचना प्रणाली
इस भाग में गन्ना सूचना प्रणाली के अंतर्गत पूछे जाने वालों मुख्य सवालों केजवाब दिए गए है|
प्र.:- एस.आई.एस. (SIS) क्या है ?
उ.:- पेराई सत्र 2.1.-11 में गन्ना सूचना प्रणाली SIS (Sugarcane Information System) का प्रारम्भ किया गया जिसके अन्तर्गत चीनी मिलों की वेबसाइट, आई.वी.आर.एस., एस.एम.एस. तथा क्रय केन्द्रों पर हैन्ड हेल्ड कम्पयूटर की व्यवस्था लागू करायी गयी।
प्र.:- एस.आई.एस. (SIS) का लाभ कैसे उठायें ?
उ.:- गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य अपने मोबाईल, कम्प्यूटर, लैपटाप अथवा निकटस्थ पी.सी.ओ./साइबर कैफे पर एस.आई.एस. का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
प्र.:- मोबाइल न. कैसे दर्ज करायें ?
उ.:- चीनी मिल में स्थापित पूंछताँछ कार्यालय में अथवा अपने क्षेत्र से सम्बन्धित गन्ना पर्यवेक्षक को देकर भी दर्ज करा सकते हैं।
प्र.:- आई.वी.आर.एस. (IVRS) क्या होता है ?
उ.:- आई.वी.आर.एस. (IVRS) एक ऐसी प्रणाली है जिसके द्धारा कोई भी व्यक्ति सम्बन्धित सूचनाऐं अपने मोबाइल फोन अथवा फोन के द्धारा किसी भी समय सीधे कम्पयूटर द्धारा प्राप्त कर सकता है।
प्र.:- आई.वी.आर.एस. (IVRS) से क्या-2 जानकारियाँ प्राप्त की जा सकती हैं ?
उ.:- आई.वी.आर.एस. (IVRS) के नम्बरों पर फोन करके गन्ना आपूर्तिकर्ता सदस्य सर्वे, सट्टा, कैलेण्डर, सोसायटी पर्ची, तौल तथा भुगतान से सम्बन्धित सूचनायें प्राप्त कर सकता है।
प्र.:- आई.वी.आर.एस. (IVRS) से कौन लाभ उठा सकता है ?
उ.:- कोई भी कृषक जो गन्ना समिति का वैधानिक सदस्य हो।
प्र.:- एस.एम.एस. (SMS) किन लोगों को भेजा जाता है ?
उ.:- समस्त कृषकों को जो गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य हैं और उनका मोबाइल न. चीनी मिल के कम्पयूटर में दर्ज है।
प्र.:- एस० एम० एस० लॉग क्या है?
उ.:- सभी चीनी मिल के वेबसाइट में कृषकों को प्रेषित किये गये विभिन्न प्रकार के एस० एम० एस० का सारांश एस० एम० एस० लॉग के रूप में दर्शित है। एस.एम.एस. प्रेषण की पुष्टि में एस.एम.एस. प्रेषण की तिथि एवं चीनी मिल की वेबसाइट पर देखा जा सकता है।
प्र.:- यदि कृषक के मोबाईल पर एस.एम.एस. प्राप्त नहीं हो रहे हैं, तो वह क्या करें?
उ.:- यदि कृषक ने अपना मोबाईल नं. चीनी मिल/गन्ना समिति/गन्ना विकास परिषद में पंजीकृत न कराया हो उसे तत्काल पंजीकृत करा दें। पंजीकरण पश्चात भी यदि SMS मोबाईल पर प्राप्त न हो रहा हो तो किसी कम्प्यूटर अथवा निकटस्थ पी.सी.ओ./साईबर कैफे पर चीनी मिल की वेबसाइट में जाकर अपना एस० एम० एस० लॉग देखें। यदि कृषक के एस० एम० एस० लॉग में SMS प्रेषण का उल्लेख है किन्तु कृषक के मोबाईल पर SMS प्राप्त नहीं हो सका है तो इसका तात्पर्य कृषक के मोबाईल में कोई तकनीकी त्रुटि है, जिसका निराकरण आवश्यक है|
प्र.:- क्वेरी एस.एम.एस. क्या है ?
उ.:- यह गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य एवं चीनी मिल कम्प्यूटर के मध्य द्विपक्षीय परस्पर प्रश्नोत्तरी एस.एम.एस. सेवा है।
प्र.:- क्वेरी एस.एम.एस. का लाभ कैसे उठायें ?
उ.:- गन्ना समिति के वैधानिक सदस्य मिल में पंजीकृत अपने मोबाईल नं. से चीनी मिल के क्वेरी एस.एम.एस. नं. पर एस.एम.एस. द्वारा प्रश्न पूछकर एस.एम.एस. के माध्यम से उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
प्र.:- कृषक मिल प्रबन्धन के बारे में जानकारी कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- कृषक किसी कम्प्यूटर अथवा निकटस्थ पी.सी.ओ./साईबर कैफे पर जाकर चीनी मिल की बेवसाईट खोलकर उसमें मिल प्रबन्धन संबंधी बटन दबाकर यह सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
प्र.:- यदि गन्ना किसान अपना पासवर्ड भूल गया है तो वह क्या करे?
उ.:- किसान सम्बन्धित चीनी मिल मे उक्त समस्या के सम्बन्ध मे एक आवेदन पत्र के साथ गन्ना विभाग कार्यालय मे सम्पर्क कर अपना पासवर्ड बदलवा सकता है|
प्र.:- गन्ना समिति द्वारा जारी पर्ची के खो जाने पर कृषक अपना गन्ना कैसे तुलवायें ?
उ.:- गन्ना समिति द्वारा कृषक को पर्चियां जारी करने के साथ ही उक्त पर्ची का विवरण कृषक के पंजीकृत मोबाईल नं. पर भी भेजा जाता है। यदि कतिपय कारण से कृषक की पर्ची खो जाती है अथवा उसे प्राप्त नहीं होती है तो मोबाईल में पर्ची का क्रमांक संबंधित मिल तौल लिपिक को दिखाकर कृषक अपने गन्ने की तौल करा सकते हैं।
प्र.:- कृषक गन्ना सर्वे की जानकारी कैसे प्राप्त करें ?
उ.:- कृषक अपने कम्प्यूटर अथवा निकटस्थ पी.सी.ओ./साईबर कैफे पर जाकर अपने चीनी मिल की बेवसाईट को खोलकर उसके होमपेज पर कृषक लागइन करने के बाद गन्ना सर्वे बटन दबाकर गन्ना सर्वे देख सकते हैं।
प्र.:- गन्ना आपूर्ति के साधन को परिवर्तित कराने के लिये क्या करें ?
उ.:- इसके लिये कृषक भाई अपने गन्ना समिति में सचिव के नाम एक प्रार्थना पत्र देकर आपूर्ति साधन परिवर्तित करा सकते हैं।
प्र.:- बैंक खाता संख्या परिवर्तित कराने के लिये क्या करें ?
उ.:- इसके लिये जिस बैंक शाखा में पूर्व में खाता खुला था, उससे अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त कर, नये बैंक खाता पासबुक की प्रमाणित प्रति के साथ संबंधित गन्ना समिति से सम्पर्क कर अपनी बैंक खाता संख्या परिवर्तित करा सकते हैं।
प्र.:- गन्ना आपूर्ति टिकट पर गन्ना आपूर्ति हेतु निर्धारित अवधि में कतिपय कारणों वश गन्ना आपूर्ति न होने पर क्या करें ?
उ.:- इसके लिये गन्ना आपूर्ति टिकट के साथ समिति कार्यालय में उक्त विषयक प्रार्थना पत्र के साथ सम्पर्क करें। इसके उपरान्त गन्ना समिति द्वारा नियमानुसार उक्त आपूर्ति टिकट के एवज़ में दूसरी आपूर्ति टिकट निर्गत की जायेगी।
प्र.:- जले गन्ने की आपूर्ति हेतु क्या करें ?
उ.:- सर्वप्रथम कृषक भाई संबंधित थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करायें, तदुपरान्त उसकी प्रतिलिपि के साथ संबंधित समिति कार्यालय में एक प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करें। समिति कार्यालय द्वारा जले गन्ने का सर्वेक्षण कराकर नियमानुसार गन्ना आपूर्ति टिकट निर्गत किये जायेगें।
स्त्रोत: गन्ना विभाग, उतर प्रदेश