दुनिया में गेहूँ के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत ने इस फसल की बेहद खतरनाक माने जाने वाली बीमारी यूजी-99 के संक्रमण की प्रतिरोधक क्षमता रखने वाली गेहूँ की 22 किस्में विकसित की हैं।करनाल (हरियाणा) स्थित गेहूँ शोध निदेशालय (डीडब्ल्यूआर) के परियोजना निदेशक एसएस सिंह ने बताया, अपने शोध के दौरान हमने पाया कि हमारे द्वारा विकसित की गई किस्में फंगस वाली इस बीमारी से लड़ने की आंतरिक प्रतिरोधी क्षमता रखती हैं।उन्होंने कहा कि हमारे पास कम से कम 22 ऐसी किस्में हैं जो यूजी-99 फंगस बीमारी की प्रतिरोधी हैं। गेहूँ की 22 किस्मों में से डीबीडब्ल्यू 17, पीबीडब्ल्यू 550 और लोक 1 किस्मों की खेती भारत में गेहूँ उत्पादक राज्यों में की जाती है। भारत विश्व स्तर पर यूजी-99 बीमारी से लड़ने वाली संस्था अमेरिका स्थित बोरलाग रस्ट इनिसिएटिव का सदस्य है।
उन्होंने कहा कि मजेदार बात यह है कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई गेहूँ की 22 किस्मों की खेती संस्था के बाकी सदस्य देशों के द्वारा भी की जाती है।यह पूछने पर कि क्या भारत में फंगस बीमारी का कोई खतरा है, सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में भारत को कोई खतरा नहीं है क्योंकि यूजी-99 की प्रतिरोधी कम से कम 22 गेहूँ किस्मों की खेती देश के विभिन्न भागों विशेषकर पंजाब और हरियाणा में की जाती है।मौजूदा समय में यूजी-99 बीमारी अफ्रीका के बाद एशिया में भी फैल रही है। यह फिलहाल पश्चिम एशियायी देशों तक सीमित है पर इसके प्रसार का खतरा बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि मजेदार बात यह है कि भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित की गई गेहूँ की 22 किस्मों की खेती संस्था के बाकी सदस्य देशों के द्वारा भी की जाती है।यह पूछने पर कि क्या भारत में फंगस बीमारी का कोई खतरा है, सिंह ने कहा कि मौजूदा समय में भारत को कोई खतरा नहीं है क्योंकि यूजी-99 की प्रतिरोधी कम से कम 22 गेहूँ किस्मों की खेती देश के विभिन्न भागों विशेषकर पंजाब और हरियाणा में की जाती है।मौजूदा समय में यूजी-99 बीमारी अफ्रीका के बाद एशिया में भी फैल रही है। यह फिलहाल पश्चिम एशियायी देशों तक सीमित है पर इसके प्रसार का खतरा बना हुआ है।
Mukesh Kumar Pareek
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