1. शीशम के फायदे
शीशम को आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के रूप में प्रयोग किया जाता है। शीशम के पत्तों से निकलने वाले चिपचिपे पदार्थ को कई रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है। इसके तेल कोदर्दनाशक, अवसादरोधी, सड़न रोकने वाले, कामोत्तेजक, जीवाणु रोधक, कीटनाशक और स्फूर्तिदायक आदि के तौर पर प्रयोग किया जाता है। ब्राजील में शीशम के सदाबहार विशालकाय पेड़ पाये जाते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम एनिबा रोजा ऐंडोर है। इसकी लकड़ी महंगी होती है। इसलिए इसका प्रयोग इमारतों में अधिक किया जाता है।
2. अवसाद से दूर रखने में सहायक
शीशम के तेल का सेवन करने से अवसाद ग्रस्त रोगियों को कुछ ही देर में आराम मिल जाता है। इसका सेवन आपको उदासी और निराशा से दूर रखता है। साथ ही जिंदगी में सकारात्मक ऊर्जा के साथ आगे बढ़ने में मदद करता है। खाने में इसका प्रयोग उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित होता है जोहाल-फिलहाल ही अपने किसी लक्ष्य को नहीं पा सके।
3. दर्द में राहत
यदि आपके दांतों में, सिर में या फिर जोड़ों में दर्द हैं तो इसमें शीशम का तेल काफी लाभकारी होता है। दांत में दर्द होने पर शीशम के तेल का फोया (रुई में तेल लगाकर) दांत के नीचे रख लें, इससे कुछ ही देर में आराम मिलेगा। सिर में दर्द होने पर शीशम के तेल की मालिश फायदेमंद होती है। वहीं जोड़ों में दर्द की समस्या में शीशम का तेल गर्म करके लगाने पर आराम देता है।
4. हृदय रोग में फायदेमंद
यदि आपका कोलेस्ट्राल बढ़ गया है और आप हृदय रोग से ग्रस्त हैं तो शीशम के तेल का सेवन आपके लिए रामबाण साबित हो सकता है। शीशम के तेल का सेवन रक्त प्रवाह को बेहतर रखता है। इस तेल से बना खाना खाने से पाचन शक्ति भी मजबूत होती है।
5. मितली का उपचार
मितली आना या जी मिचलाना बेहद खराब स्थिति होती है। ऐसे में कुछ भी अच्छा नहीं लगता, शरीर में बेचैनी रहती है। इस तरह की परेशानी होने पर शीशम के तेल का सेवन फायदेमंद रहता है। इसके अलावा उल्टी आने, कफ की समस्या, सर्दी, तनाव, त्वचा संबंधी रोग और मुहांसों के उपचार में भी शीशम का तेल कारगर रहता है।
6. चोट का घाव
यदि आपके शरीर के किसी हिस्से में चोट का घाव है तो इसे भरने में शीशम का तेल सहायक है। घाव वाली जगह पर आप शीशम के तेल में हल्दी मिलाकर बांध लें। इससे घाव जल्द भर जाएगा। इसके अलावा फटी हुई एडियों (बिवाई) पर शीशम का तेल लगाने से एडियों की रंगत लौट आती है।
7. आंखों की लालिमा का उपचार
कीट-पतंगा गिरने से यदि आंख लाल हो गई है तो उसका उपचार शीशम के पत्तों से संभव है। आंखों के दर्द में भी शीशम काफी फायदेमंद है। शीशम के कोमल पत्तों को साफ करके मिक्सी मेंपीस लें। अब इसकी लुगदी को आंखों पर रात को सोते समय बांध लें। इससे आंखों की लालिमा और दर्द दोनों में ही राहत मिलेगी।
साभार:- इन्टरनेट
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