परिचय
गोपालगंज के कोयनी गांव के किसान 44 वर्षीय राजन पराशर ने अपनी तकदीर को कड़ी मेहनत एवं अथक प्रयास से बदल डाला। कभी गंभीर आर्थिक हालात से जूझने वाले इनसान ने आज अपने परिवार को तमाम सुविधाओं से सींच दिया। स्वयं मैट्रिक तक की पढ़ाई की, मगर अपने बच्चों को उच्चतम शिक्षा दिलाने में लगे हैं। लाखों की इनकम का जरिया सिर्फ अंडा उत्पादन को बनाया। अपने ही जमीन पर मुर्गी पालन व अंडा उत्पादन कर अन्य किसानों के लिए प्रेरक बन गये हैं।
कैसे करें अंडा उत्पादन
राजन पराशर कहते है कि मैंने इस कार्य के लिए किसी भी संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त नहीं किया । इसके लिए मैं राज्य के कुछ क्षेत्रों में जाकर इस व्यवसाय को देखा व जुड़े लागों से बातचीत की और व्यवसाय को शुरू किया। प्रारंभ में थोडी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बिना सरकारी अनुदान के ही प्रारंभ किया। जैसे-तैसे राशि का जुगाड़ कर इस व्यवसाय को शीघ्र शुरू करना चाहा। इसके लिए बैंकिंज कंपनी, इलाहाबाद से मुर्गी के 3,200 चूजे खरीदकर 36 फुट चौड़ा व 70 फीट लंबा जमीन पर शेड बनाकर किया। इसके लिए उन्हें लगभग 22 से 23 लाख रुपये खर्च उठाना पड़ा । चार महीने के इंतजार के बाद इन मुर्गियों से 80 से 90 प्रतिशत अंडा का उत्पादन होने लगा । इन अंडो को बेचने में किसी तरह के परेशानियों को कोई सामना नहीं करना पड़ा। क्योंकि गोपालगंज जिला में ही रोजाना अंडा बिक जाता है। इसे बेचने के लिए मुङो बाजार नहीं जाना पड़ता है व्यापरी स्वयं प्रतिदिन आते है और बिक्री के लिए ले जाते हैं। आमदनी उम्मीद से अधिक होती है। मुर्गी के दाने स्वयं नहीं बनाते बल्कि बाजारों से खरीदना पड़ता है। हर महीना लगभग 2 लाख 10 हजार रुपया दाना पर खर्च होता है। इन मुर्गियों की स्वास्थ्य की जांच व टीकाकरण के लिए समय-समय पर डॉक्टर बुलाते है। ताकि इन मुर्गियों का स्वास्थ्य ठीक रहे। टीकाकरण कब और किस समय दिया जाय इसके लिए बैंकिज कंपनी की ओर से किताब उपलब्ध कराया गया है। उसी के आधार पर टीकाकरण करवाया जाता है। इन मुर्गियों की देखभाल के लिए सिर्फ दो स्टाफ रखे । इसके साथ हम और हमारे भाई इस कार्य को करते है। इसलिए अधिक स्टाफ रखने की जरूरत नहीं पड़ती है।
राजन का कहना है कि मुझे मालूम नहीं कितनी तरह की वैरायटी होती है। कौन सा अच्छा है और अधिक बिकता है। चूजा के लिए सिर्फ दो नामित कंपनी है। बैंकिज कंपनी व स्काई लार कंपनी। अधिकांशत: किसान इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए इसी दो कंपिनयों से चूजे खरीद कर व्यवसाय करते हैं। अब तक तो कोई शिकायत नहीं आयी है। हां इतना जरूर है कि इस व्यवसाय में वैरायटी जानना अति आवश्यक है। इसके लिए जानकारी प्राप्त कर रहें हैं। जिले में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से आयोजित इस व्यवसाय से जुड़े कार्यक्रम में हिस्सा लेकर समय-समय जानकारी प्राप्त करते रहते हैं।
बढ़ाना चाहते है अपना व्यवसाय
राजन इस व्यवसाय को आगे बढाने के लिए 36 फुट चौड़ा व 106 फीट लंबा जमीन पर 5000 मुगíयों के लिए और शेड बना चुकें है। जो कि कुछ ही महीनों में इन मुर्गियों से भी अंडा का उत्पादन होने लगा । अपने इस व्यवसाय को बिहार के अलावा अन्य राज्यों भी बढ़ाना चाहते हैं। वे किसान को सालाह देना चाहते है कि यदि कोई किसान इस व्यवसाय को करना चाहते हैं तो इसय योजना के तहत सरकारी अनुदान से अथवा अपनी कुछ पूंजी लगा कर सकते हैं। लाभ अवशय मिलेगा।
स्त्रोत: संदीप कुमार,वरिष्ठ पत्रकार।