भारत में व्यवस्थित खुदरा व्यापार
खुदरा श्रृंखलाएं (रिटेल चेन) अब भारत में कृषि विपणन में एक उल्लेखनीय ताकत हैं। रिलायंस, स्पेंसर और यहां तक कि वालमार्ट और कैरेफोर जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने भी अब भारत में अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी है। इन श्रृंखलाओं ने ताजा उपज सहित खाद्य वस्तुओं में जबरदस्त रुचि दिखाई है। इन खुदरा श्रृंखलाओं को चला रहे निजी निगमों के कृषि विपणन की प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाने की उम्मीद की जा रही है। अलग-अलग राज्यों में किए गए विपणन सुधारों ने, इन श्रृंखलाओं के कामकाज में आने वाली विभिन्न व्यापार बाधाओं को काफी हद तक हटा दिया है। इन श्रृंखलाओं की आशाजनक भूमिका में कृषि उपज की आपूर्ति श्रृंखला की पिछली और आगे की कड़ियों को मजबूत करने और उत्पादन अंचलों में खरीद केंद्रों के अपने नेटवर्क के माध्यम से अच्छी विपणन प्रथाओं (जीएमपी) को बढ़ावा देने की क्षमता है।
मेट्रो एजी
संगठित खाद्य खुदरा बिक्री के माध्यम से 150 अरब (जीबीपी 615 मिलियन) अमरीकी डालर की बिक्री का अनुमान है। 2020 तक इसके 620,000,000,000 भारतीय रुपयों के आकार तक पहुँचने की क्षमता है। खाद्य के खुदरा विक्रेता खाद्य श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, जिनमें निम्नलिखित को शामिल किया जाएगा-
- खाद्य निर्माताओं में खाद्य मानकों की शिक्षा और अनुपालन
- उत्पाद नवीनता
- इष्टतम सूची प्रबंधन के माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला में लागत में कमी
परिवारों और व्यक्तियों की जीवन-शैली के बढ़ते परिष्करण और आधुनिकीकरण तथा व्यापार के बढ़ते वैश्वीकरण के साथ ही खुदरा क्षेत्र का संसार भी साथ तेजी से बढ़ रहा है। खुदरा क्षेत्र के बड़े पैमाने पर वस्तुओं के विपणन, पैकेजिंग, भंडारण और परिवहन के माध्यम से मांग को उत्तेजित बनाने के माध्यम से कृषि और उद्योग जैसे अन्य क्षेत्रों के साथ मजबूत और अप्रत्यक्ष संबंध है। इसके अलावा, यह अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काफी रोजगार पैदा करता है। इसके अलावा, उपभोक्ताओं को भी बाजार में उपलब्ध उत्पादों की व्यापक रेंज के संदर्भ में लाभ हुआ है। हाल के दिनों में खुदरा क्षेत्र सबसे गतिशील बढ़ते क्षेत्रों में से एक बन गया है। खाद्य के खुदरा क्षेत्र की विशाल क्षमता ने आईटीसी, रिलायंस, आदित्य बिड़ला जैसे बड़े कॉर्पोरेट घरानों को शहरी उपभोक्ता के लिए गुणवत्ता और सुविधा के आश्वासन के साथ युग्मित पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए खाद्य खुदरा क्षेत्र में किया।
भारत के शीर्ष खुदरा खाद्य विक्रेता (रिटेलर्स)
- खाद्य विश्व (फुड वर्ल्ड)
- त्रिनेत्र
- अपना बाजार
- बिग बाजार – पैंटालून लाभ मुक्त (मार्जिन फ्री) नीलगिरी
- एमटीआर
- जनता बाजार एवं एचओपीसीओएमएस
भारत में खाद्य खुदरा बिक्री का प्रारूप
- उपभोक्ताओं की खाद्य जरूरतें
- हॉकर/सड़क विक्रेता (ज्यादातर ताजा फल और सब्जियाँ )
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत उचित मूल्य की दुकानें (पीडीएस)
- परंपरागत खुदरा विक्रेता, मुख्य उपज, एफएफवी, और मासं के लिए
- अलग-अलग दुकानें
- जनता बाजार, और सैन्य कैंटीन जैसी सहकारी संस्थाएं।
- लाभ मुक्त दुकानें
- आधुनिक संगठित खाद्य खुदरा श्रृंखला
- छोटी से मध्यम खाद्य खुदरा दुकानें
- खुदे प्रारूप पर आश्रित – विभागीय (डिपार्टमेंटल)
- खाद्य खुदरा चेन और हाइपर मार्केट के लिए सुपरमार्केट
हाल ही में, वालमार्ट और कैरेफोर जैसे बड़े वैश्विक खुदरा विक्रेताओं ने भी संयुक्त उपक्रम और साझेदारी के माध्यम से इस क्षेत्र में भाग लेने में बहुत रुचि दर्शायी है। यह पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी प्रणाली के माध्यम से अपेक्षित बहु आकारों में वर्गीकृत उपज के लिए अधिक से अधिक मांग के लिए नेतृत्व करेगा।
विस्तार गतिविधियाँ
- प्रासंगिक उत्पादन के संबंध में किसानों और खुदरा श्रृंखला के बीच संबंधों को सुविधान्वित करना।
- खुदरा श्रृंखला की गुणवत्ता की आवश्यकताओं को मापने के लिए अच्छी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना।
- विपणन और अन्य विभागों के सहयोग से काम करके एक खुदरा श्रृंखला के लिए व्यापार की बाधाओं को हटाना
स्रोत: राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय,भारत सरकार का संगठन