परिचय
श्री जयपाल सिंह सपुत्र श्री मोती राम निवासी गली न.2, ज्योति नगर, कैथल रोड, करनाल ने सन 1989 में कृषि विज्ञान केंद्र रा.डे.अनु.सं. करनाल से कृत्रिम गर्भाधान एवं प्राथमिक पशु चिकित्सा नामक प्रशिक्षण प्राप्त किया था। प्रशिक्षण लेने के बाद श्री जयपाल सिंह ने पहले गाँव नारुखेडी, करनाल में 5 भैसों से डेरी पालन का कार्य आरंभ किया।
धीरे-धीरे श्री जयपाल सिंह ने गाँव से डेरी कार्य बंद करके ज्योतिनगर करनाल में पशुपालन का कार्य आरंभ किया व साथ में संकर नस्ल की गायें भी पालनी शुरू कर दी। अब श्री जयपाल सिंह के पास अपनी एक अच्छी डेरी है; जिसमें पशुओं की संख्या इस प्रकार है :
मुर्राह भैंस | 6 |
संकर गायें |
6 |
पशु प्रबंध
श्री जयपाल सिंह पशुओं के लिए उचित आवास व्यवस्था है साथ ही पशुओं को काफी खुला स्थान भी दिया गया जहाँ पशु समय-समय पर आराम कर सकें व् घूम सकें। पशुओं को बीमारी से बचाने के लिए खुर पका मुहँ पका वैक्सीन प्रति वर्ष दो बार व गोलगोटू वैक्सीन प्रति वर्ष एक बार लगाई जाती है।
पशुओं की सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है। पशुओं के लिए साफ पानी की व्यवस्था है। श्री जयपाल सिंह अपने पशुओं का अधिक से अधिक हरा चारा उपलब्ध कराते हैं व् उचित मात्रा में स्वयं बनाकर दाना उपलब्ध कराते हैं। वे अपने पशुओं को अन्तः परजीवी व बाह्य परजीवियों से बचाने के की समय-समय पर उचित दवाइयों का प्रयोग करते हैं।
पशु प्रजनन
श्री जयपाल सिंह अपनी गायों एवं भैसों को गर्भाधान से गाभिन कराने के लिए अच्छी क्वालिटी का राष्ट्रीय डेरी अनुसन्धान संस्थान प्राप्त करते हैं।
दूध उत्पादन एवं इससे आर्थिक लाभ
श्री जयपाल सिंह को अपनी भैसों से प्रतिदिन औसतन 100-130 लीटर दूध दूध प्राप्त होता है जिसे वे बेचकर ये प्रतिदिन 1000-1200 रु. प्राप्त करते हैं। इस प्रकार श्री जयपाल सिंह प्रतिमाह लगभग 10000 – 12000 रु, प्रतिमाह पशुपालन से शुद्ध लाभ कमाते हैं।
स्त्रोत: कृषि विभाग, झारखण्ड सरकार