परिचय
पशुओं के स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादन हेतु हरा चारा व पशु आहार के आदर्श भोजन है, किन्तु हरे चारे का वर्ष भर उपलब्ध न होना था पशु आहार की अधिक कीमत पशु पालकों के लिए एक समस्या है। गौपशुओं का पेट विशेष प्रकार का होता है, जिसके चार भात: रोमन्थ, रोटिकुलम, ओमेजम और एबोमेजम होते हैं। इनमें से रोमन्थ का आकार अत्यधिक बड़ा होता है तथा इसमें बहुत से जीवाणु और प्रोतोजोआ द्वारा रोमन्थ में निर्मित प्रोटीन की मात्रा कम की जा सकती है। जीवाणु और प्रोतोजोआ द्वारा रोमन्थ में निमित प्रोटीन की उपयोगिता बढ़ने के लिए यह आवश्यक है कि गौपशु के आहार में यूरिया के साथ-साथ घुलनशील कार्बोहाइड्रेट भी उचित मात्रा में हो। चीनी में वह प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है व इसका उपयोग घुलनशील कार्बोहैद्रेड के रूप में किया जा सकता है। अतः गौपशुओं को खिलाने हेतु शीरा तरल खाद्य सुगमता से प्रयोग में लाया जाता है।
यूरिया शिरा तरल खाद्य बनाना
यूरिया शिरा तरल खाद्य की मात्रा पशु संख्या पर निर्भर है ततः चारे की उपलब्धता के हिसाब से भी इसकी मात्रा घटाई या बढ़ाई जा सकती है। एक किवंटल यूरिया शीरा तरल खाद्य बनाने के लिए 93 किलो ग्राम शीरा 2.5 कि.ग्रा. यूरिया, 1.5 कि.गर. खनिज लवण. 0.5 कि.ग्रा. पिसा नमक और 2.5 लीटर पानी की आवश्यकता होगी। उसमें मिलाने के लिए 25 ग्राम बीटाब्लेण्ड, रोविमिक्स या नया विटामिन-ए यौगिक का उपयोग आवश्यक है।
यह तरल टीन का नांद, कोलतार के ड्रम या सीमेंट की नांद में बनाया जा सकता है। एक्से लिए सर्वप्रथम शीरे की मात्रा तोलकर बड़े बर्तन में डाल देते है तथा यूरिया के घोल के शीरा में धीरे-धीरे बांस के डंडे से मिलाते रहते हैं। इस मिश्रण में खनिज मिश्रण और नमक व विटामिन यौगिक भी भली भांति मिला दिये जाते है। इस तरल को 15-20 मिनट तक अच्छी तरह चला-चलाकर मिलाने से यूरिया यूरिया शीरा तरल खाद्य तैयार हो जाता ही। इसमें शुष्क पदार्थ की मात्रा 65% से अधिक होती अहि और इसे कई सप्ताह तक उपयोग में लाया जा सकता है। अतः एक बार बनाया गया तरल खाद्य सात दिनों के भीतर ही उपयोग कर लेना चाहिए।
यूरिया शीरा तरल खाद्य के बनने, खिलाने और रखरखाव में निम्नलिखित सावधानियां बरतनी आवश्यक है
- यूरिया और शीरे का सही अनुपात रखा जाएँ
- यूरिया को शीरे में भलीभांति मिलाना।
- यूरिया शोर तरल मिश्रण को अच्छी प्रकार ढक का रखना जिससे उसमें, कीड़े, चूहे आदि न गिर सके व खाद्य पदार्थ खराब न हो।
- प्रत्येक बार खिलाने से पूर्व मिश्रण को डंडे से अच्छी प्रकार चलाना/मिलाना चाहिए।
- अधिक मात्रा में इस खाद्य को खिलाने से पूर्व स्वच्छ जल का उचित प्रंबध आवश्यक है।
- पशुओं को यह तरल खाद्य धीरे-धीरे दिया जाना चाहिए।
- एक पशु जिसका शारीरिक वजन 300-350 किग्रा, हो, उसको 1-2 किग्रा. हरा चारा देना लाभप्रद होता है, जिससे विटामिन ए की कमी न हो।
- दुधारू पशुओं में यूरिया शीरा तरल खाद्य के साथ-साथ 0.5 से 1.5 किग्रा. दाना देना उचित होता है।
एस तरह खाध्य के उपयोग से पशु के आहार में दाने पर होने वाले खर्चे में कमी की जा सकती है तथा पशु का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
लेखन: आलोक कुमार यादव, अनुपमा मुखर्जी, अर्चना वर्मा एवं ऐ.के. चक्रवर्ती
स्त्रोत: कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग, भारत सरकार