न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सोलन
Updated Mon, 19 Aug 2019 03:57 PM IST
डॉ. जेसी चंदेल, नौणी विवि के फल विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष
– फोटो : अमर उजाला
शिमला मिर्च तथा कड़वी मिर्च में फल सड़न और पत्तों का झुलसा रोग रोकने को 7-10 दिन के अंतराल पर बोर्डो मिश्रण 0.8 प्रतिशत, 800 ग्राम नीला थोथा प्लस 800 ग्राम अनबूझा चूना प्लस 100 लीटर पानी या ब्लाईटोक्स या मासटॉक्स 300 ग्राम 100 लीटर पानी का छिड़काव करें। इससे मिर्च में सड़न रोग सहित झुलसा पर नियंत्रण किया जा सकता है। यह छिड़काव बारिश के बाद ही करें।
बागवान इसका रखें ध्यान
शिमला सहित अन्य मध्यवर्ती क्षेत्रों में सेब तुड़ान का कार्य जारी है। ऊंचे क्षेत्रों में नाशपाती की अगेती किस्मों की तुड़ाई कर लें। इसके अलावा नर्सरी से घास समय-समय पर निकालें। नींबू प्रजाति के पौधों में सूक्ष्म तत्वों विशेष रूप से जस्ते की कमी को पूरा करने के लिए इसमें एक किलो जिंक सल्फेट प्लस 500 ग्राम अनबूझा चूना 200 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
इसके अलावा आम की गुठलियों की नर्सरी में बुवाई का कार्य किया जा सकता है। गेंदे की पनीरी को बीज उत्पादन या फिर पछेती खेती के लिए खेत में लगाएं। यह सभी जानकारियां डॉक्टर यशवंत सिंह परमार उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विशेषज्ञों ने दी हैं।
आपके सवालों के जवाब
सवाल : नालागढ़ के पहाड़ी क्षेत्रों में सितंबर में टमाटर की कौन-कौन सी किस्में लगाई जानी चाहिए।
– उमेश शर्मा नजदीक चौक मंडी
जवाब : टमाटर की किस्में सोलन लालिमा, हिमसोना, 7711 इन टमाटरों की किस्मों के बीजों को अगस्त के पहले सप्ताह में नर्सरी में लगाना चाहिए। इसके बाद इसे सितंबर के पहले सप्ताह तक नर्सरी से निकाल कर खेतों में रोपित करना चाहिए।
सवाल : पांच हजार फीट ऊंचाई पर रूट स्टॉक या सीडलिंग पौधा ठीक रहेगा? यहां सिंचाई सुविधा नहीं है। नई प्लाटिंग करनी है, इसके लिए सेब की कौन-कौन किस्में लगानी चाहिए?
– भूप राम, करसोग, मंडी
जवाब : यदि इस क्षेत्र में सिंचाई सुविधा नहीं है तो सीडलिंग रूट स्टॉक को महत्व देना चाहिए। इसमें स्कारलेट स्पर, सुपर चीफ, जेरोमाइन, रेडकेप वैलटोड, रेडलम गाला जैसी किस्में लगाएं। ये समुद्र से 5 हजार फीट वाले क्षेत्र में लगाई जा सकती हैं।
सवाल : आम की सबसे अच्छी किस्में कौन सी होती हैं। इनकी ग्राफ्टिंग कब की जाती है?
– हंसराज गांव कोहू
जवाब : आम की ग्राफ्टिंग जुलाई में की जानी चाहिए। इसके अलावा इसे मार्च में भी लगाया जा सकता है, लेकिन बेहतरीन उपज के लिए इसे जुलाई में लगाया जाना चाहिए, जिससे अच्छी क्रोप तैयार होगी।