न्यूज डेस्क/अमर उजाला, बहल(भिवानी)
Updated Wed, 21 Aug 2019 11:43 AM IST
किसान ने जैविक पद्धति को अपनाकर आज उसे फिर से बीस मन प्रति एकड़ तक पहुंचाकर अपनी खेती को बचा लिया है। हरियावास के बिजेन्द्र ने इसके लिए किसी विशेषज्ञ की मदद नहीं ली। उसने जहर को जहर मारता है, बुजुर्गों की इस बात को मन से लगाया तथा उसी पर अपना ध्यान फोकस किया।किसान ने खेती में स्प्रे के लिए खेत में ही मिलने वाले वाले कड़वी चीजों को एकत्रित किया और उसका घोल तैयार किया। दो बार इसी स्प्रे से जब उसे आशातीत सफलता मिली तो उसने फिर एक बार जैविक खाद की स्प्रे तैयार की। तीसरी बार की स्प्रे से उसकी योजना कामयाब रही और फसल खेत में लहलहाती हुई नजर आई।
किसान के प्रयोग की जब चर्चा चली तो कृषि विशेषज्ञ उसे देखने आए तथा कहा कि वास्तव में उसने अपने खुद के दिमाग से अपनी खत्म होती खेती को बचा लिया है।