न्यूज डेस्क, अमर उजाला, शिमला
Updated Mon, 09 Sep 2019 10:58 AM IST
ऐसे में किसानों ने अभी तक मटर की बिजाई नहीं की थी। वहीं इन दिनों मटर की बिजाई के लिए बहुत अच्छा मौसम है। इन दिनों मटर बीजने से कीटों से भी सुरक्षा मिलेगी। कृषि विभाग की मानें तो मटर की बीजाई के लिए मिट्टी की जांच करना अनिवार्य है।किसानों को खेतों में कम से कम रसायनों का इस्तेमाल करना होगा। बरसात के बाद खेतों में अधिक नमी हो गई है और रसायनों के कारण नमी में कई बार के कीट पनपने का खतरा भी बना हुआ है।
ऐसे में किसानों को नेचुरल खेती करने से ही बरसाती मटर की अच्छी पैदावार मिल सकती है। इसके अलावा जिन क्षेत्रों में बरसात के कारण मटर की खेती नष्ट हो गई थी, वहां भी मटर की बिजाई कर सकते हैं।
राइजोबियम का करें इस्तेमाल
मटर बीज को गुड़ के घोल में डुबोकर बिजाई करने को राइजोबियम नाम दिया गया है। कृषि विभाग की मानें तो यह प्रक्रिया मिट्टी और बीज के लिए फायदेमंद होती है। इस प्रक्रिया से किसानों को अधिक पैदावार मिल सकती है। यदि खेतों को गोबर की सही मात्रा न मिली हो तो राइजोबियम गोबर की कमी को भी दूर कर देता है।
ऐसे करें मटर की खेती के लिए खेत तैयार
बरसाती मटर की खेती तैयार करने वाले किसानों को पहले मिट्टी की जांच करवानी होती है। अगर मिट्टी में ट्राइकोडूर्मा की कमी पाई जाती है तो खेतों में गोबर के साथ ट्राइकोडर्मा को मिलाकर डालना होगा। अगर मिट्टी सही है तो अधिक और अच्छी फसल को पाने के लिए रसायन की कम इस्तेमाल करें।
जिला कृषि अधिकारी मोहेंद्र सिंह भवानी का कहना है कि इन दिनों मटर की बिजाई के लिए सही समय है। राइजोबियम प्रक्रिया का इस्तेमाल करना किसानों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा।