न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सोलन
Updated Sun, 24 Nov 2019 06:50 PM IST
डॉ. सतीश भारद्वाज
– फोटो : अमर उजाला
सेब के पौधों में कोलर रॉट बीमारी की रोकथाम के लिए बीमारी वाले भाग को चारों ओर की मिट्टी हटाकर धुप में खुला छोड़ दें और रोग ग्रस्त छाल को चाकू से हटा कर उस स्थान पर चैबटिया पेस्ट लगाएं। बागवान शीतोष्ण फलों के तौलियों को बनाने का कार्य करने साथ गोबर की गली सड़ी खाद सुपर फॉस्फेट, म्यूरेट ऑफ़ पोटाश पौधों का आयु के अनुसार तने से 30 सेमी दूरी पर बिखेर कर तौलियों में अच्छी तरह मिला लें।
वहीं डिंगरी मशरूम को बंद कमरे में बोया जा सकता है। जिसमें अच्छी फसल के लिए 25-28 डिग्री का तापमान और सापेक्षित आर्द्रता 80-85 प्रतिशत तक बनाए रखें। यह जानकारी नौणी विवि के पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागध्यक्ष डॉ. सतीश भारद्वाज ने दी।
पशु संबंधित कार्य
तापमान गिर रहा है और शीत लहर से नवजात बछड़ों तथा बछड़ियों को ठंड से बचाएं। गर्भवती और स्तनपान गायों और भैंसों को मिनरल मिक्सर और प्रोटीन युक्त भोजन खिलाएं। इसके अलावा छोटे जानवरों को ठंड से बचाने के लिए उन पर रात के समय बोरी या कोई गर्म वस्त्र डाले। गोशला को साफ, सुथरा रखे और पानी एकत्र न होने दें।
सवाल: प्याज की नर्सरी में तैयार पनीरी को खेतों में कितनी दूरी पर रोपित करना चाहिए। जिससे प्याज की अच्छी पैदावार मिल सके।
जयाराम, बसाल, सोलन।
जवाब: यदि पनीरी तैयार है तो आप इसकी खेतों में रोपाई का कार्य कर सकते हैं। इसमें खेतों में पनीरी को 15 से 10 सेमी की दूरी पर लगाना चाहिए।
सवाल: सेब के पौधों में कोलर रॉट बीमारी की रोकथाम के लिए क्या करना चाहिए।
प्रेम कश्यप, चायल, सोलन
जवाब: सेब के पौधों में उक्त बीमारी की रोकथाम के लिए बीमारी वाले भाग के चारों ओर की मिटट्ी हटाकर धुप में खुला छोड़ दें और रोग ग्रस्त छाल को चाकू से हटा कर उस स्थान पर चैबटिया पेस्ट लगाएं। जिसके बाद मिट्टी के साथ गोबर की खाद मिलकार इसके अच्छे तरह से तौलियां तैयार करे।