सुधीर बताते हैं कि जल संकट, बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव, खराब गुणवत्ता के उत्पादन और उर्वरकों, कीटनाशकों की उच्च लागत जैसे मुद्दों का लगातार सामना करने के बाद उनके मन में यह विचार आया। इसके बाद हाइड्रोपोनिक प्रोजेक्ट बनाने पर काम करना शुरू किया। उन्होंने बताया कि वर्तमान में वे केवल 5000 वर्ग फीट क्षेत्र में 50 किलोग्राम मीठे इतालवी तुलसी का उत्पादन कर रहे हैं और बिगबास्केट उनके सबसे बड़े ग्राहक में से एक हैं। कहा कि भविष्य में हम अपने कारोबार को उन शहरों में विस्तारित करेंगे जहां भवन की छत का उपयोग सब्जी उत्पादन के लिए किया जाता है।
24 गुना कम लगता है पानी
सुधीर देवकर बताते हैं कि उनकी इस खेती में उत्पादन के लिए प्रति माह 12000 लीटर पानी का उपयोग होता है। जो कि सामान्य से 24 गुना कम है। उनकी इस विधि में जलवायु परिस्थितियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। बिना प्रभावित हुए एक ही गति से गुणवत्ता वाली सब्जी का उत्पादन कर रहे हैं। किसान सुधीर ने अपने खेत और इसकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को नियंत्रित करने के लिए इन-हाउस मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया है। वर्तमान में मुंबई, पुणे और बैंगलोर बाजार में 50 से अधिक फसलों और जलवायु पर नजर रखे हैं।
उन्होंने बताया कि हमने यह सारी तकनीक और कृषि पद्धति अपने दम पर विकसित की है। अब हम अन्य किसानों में जागरूकता फैलाना चाहते हैं। वे भी कुछ ऐसा बना सकते हैं और जलवायु परिस्थितियों, बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव, जल संकट और श्रमिक मुद्दों से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।