मंजर के समय करें आम की दवा
आम के पेड़ों में मंजर (बौर) आना शुरू हो गए हैं, अब समय आ गया है कि मंजरों की देख–भाल ठीक ढंग से की जाए | इस समय देश में मौसम परिवर्तन की स्थिति रहती है जिसके चलते आम पर कीट एवं रोग बढ़ने की सम्भावना अधिक होती है | कभी–कभी ऐसा देखा गया है कि भरपूर मंजर आने के बावजूद आम के मंजरों की सुरक्षा नहीं हो पाने के कारण फलन बहुत कम हो जाता है या कभी–कभी नहीं हो पता है | आम के मंजरों पर मुख्य रूप से मधुआ कीट, धिया कीट, मृदारोमिल (पाउडरी मिल्ड्यू) आदि जैसे कीट व्याधियों का आक्रमण होता है | इससे आम के मंजरों की सुरक्षा के लिए अनुशंसित दवाओं का तीन बार छिडकाव सही समय पर करने से इन कीट–व्याधियों पर नियंत्रण किया जा सकता है, जिससे आम का अच्छा उत्पादन प्राप्त होगा |
कीट नियंत्रण के लिए कब करें कीटनाशक का प्रयोग
आम में पहला छिडकाव मंजर निकलने के पहले किसी एक अनुशंसित कीटनाशक से किया जाता है, जिसे किसान पेड़ को धोना कहते हैं | पहला छिडकाव इस तरह करना चाहिए कि कीटनाशी पेड़ की छाल के दरारों में छुपे मधुआ कीट तक दवा पहुंचे, क्योंकि वायुमंडल का तापमान बढने के साथ–साथ इनकी संख्या में वृद्धि होने लगती है | आम के मंजरों पर दूसरा छिडकाव सरसों के बराबर दाना लग जाने पर कीटनाशी के साथ–साथ किसी एक फफूंदनाशी को मिलाने की अनुशंसा है, जो मंजर को पाउडरी मिल्ड्यू आदि रोग से बचाता है तथा आम के टिकोले को गिरने से रोकता है | आम के टिकोले मटर के दाने के बराबर हो जाने पर तीसरा छिडकाव किया जाना चाहिए | फ़रवरी माह में आम के पौधों पर लीफमाइनर कीड़ों का प्रकोप होता है |
आम के मंजर(बौर) बचाने के लिए करें इस दवा का प्रयोग
- आम के मंजर को कीट से बचाने के लिए डायमेथोइड या मेटासिस्टाक 1.5 एम.एल.प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिडकाव करें |
- या लमीडाक्लोपरिड 17.8 SL को 0.4 मिली. प्रति लीटर पानी में मिलकर छिडकाव करें |
इस कीटनाशक का प्रयोग आम के अलवा अमरुद तथा नींबू के पौधों पर भी कर सकते हैं | इसके अतिरिक्त आम में लगने वाले कीट एवं रोगों से बचाने के लिए कृषक भाई अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र में जाकर वैज्ञानिकों से जानकारी ले सकते हैं |
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