नमस्कार किसान भाइयों आज इस पोस्ट में हम Sarson ki kheti सरसों की खेती कैसे करें, कब करें, मौसम, जलवायु और मिट्टी कैसी होनी चाहिए, आदि के बारे में जानेंगे।
सरसों की खेती की पूरी जानकारी Mustard Farming In India
आइए किसान भाईयो तो सबसे पहले जानते सरसो की खेती के बारे में सरसों की खेती रबी में तिलहनी फसलो में एक प्रमुख स्थान है, सरसों की खेती सीमित सिंचाई की दशा में भी अधिक लाभदायक फसल है,
सरसों की खेती किस महीने में की जाती है ?
Sarson ki buaai सरसों की बुवाई के लिए सही समय सितम्बर के अंतिम सप्ताह से अक्टूबर के प्रथम सप्ताह तक कर सकते हैं
सरसों की खेती के लिए मौसम जलवायू कैसी होनी चाहिए?
इसकी खेती शरद ऋतु में की जाति है सरसों की खेती के लिए इसके पौधों को बीजों को अंकुरण के लिए 20 से 30 डिग्री के आसपास तापमान की जरूरत होती है.लेकिन 25 डिग्री के आसपास के तापमान को इसके पैदावार के लिए सबसे अच्छा माना जाता है.
सरसो की खेती में बिज की मात्रा और बीज उपचार कैसे करें?
Sarson ki kheti सरसों की खेती के लिए सिंचित क्षेत्रो में सरसों की फसल की बुवाई के लिए 5 से 6 किलोग्राम बीज प्रति हैक्टर के दर से बुवाई करना चाहिए, और असिंचित क्षेत्रों के लिए, बीज की मात्रा 10 से 15 प्रतिशत तक अधीक कर देनी चाहिए है। इसके बीजों की खेत में डालने से पहले उन्हें उपचारित कर लेना चाहिए। ताकि बीजों के अंकुरण के समय पौधों को शुरूआती रोगों का सामना ना करना पड़े इसके बीजों को उपचारित करने के लिए मैंकोजेब और मेटालेक्सिल की उचित मात्रा का इस्तेमाल करना चाहिए।
सरसो की अच्छी उपज लेने के लिए अच्छी एवं उन्नत किस्मों का चयन के करे ।
उन्नत किस्में सरसों की खेती हेतु किस्म का चयन कृषकों को अपने क्षेत्र की परिस्थितियों के अनुसार करना चाहिए कुछ प्रचलित और अधिक उपज वाली हो ।
इसमें प्रमुख किस्में इस प्रकार है
1 गिरिराज DRMR IJ 31
ये किस्म 20-27 क्विंटल प्रति हैक्टर, इसमें 40से50 दिन मे फुल आने लगते हैं और पकने की अवधि 140 से 145 दिन होती हैं
2 एन.आर.सी.एच. बी 101
ये किस्म20-22 ये किस्म 20-22 क्विंटल प्रति हैक्टर, इसमें 40से50 दिन मे फुल आने लगते हैंऔर पकने की अवधि 120 से 125 दिन होती हैं
3 आर.एच.749
ये किस्म 24-26 क्विंटल प्रति हैक्टर, इसमें 45से55दिन मे फुल आने लगते हैंऔर पकने की अवधि 140से 150 दिन होती हैं
4 आर. एच.725
ये किस्म 25-26 क्विंटल प्रति हैक्टर, इसमें 45से55दिन मे फुल आने लगते हैंऔर पकने की अवधि 140 से 150दिन होती हैं
सरसो की खेती के लिए खेत की तयारी कैसे करें?
सरसों की खेती के लिए हमे अच्छी पैदावार के लिए खेत को अच्छे से तैयार करना चाहिए ओर सरसो के अंकुरण के लिए मिट्टी का भुरभुरा होना अच्छा होता है. तो हमे भुरभुरी मिट्टी में इसकी बूवाई करनी चाहिए इसकी खेती के लिए शुरुआत में खेत की मिट्टी पलटने वाले हलों से गहरी जुताई कर खेत को खुला छोड़ दें. उसके बाद खेत में पुरानी गोबर की खाद को डाल कर उसे अच्छे से मिट्टी में मिला दें खाद को मिट्टी में मिलाने के लिए खेत की कल्टीवेटर के माध्यम से दो से तीन जुताई करवा देना चाहिए
सरसो की खेती में सिंचाई कब ओर कैसे करे ?
सरसों में सिंचाई खेत की जमीन एवं नमी के ऊपर निर्भर करती है सरसों की खेती के लिए 2 से 3सिंचाई प्रयप्त होती है पहली सिंचाई बुवाई के समय दूसरी शाखाएं बनते समय के 25 से 30 दिन बाद फुल प्रारंभ होने के समय इसके अलावा बाकी की सिंचाई जब पौधे पर फलियों में बीज बन रहे हो तब करनी चाहिए.इससे दानो का आकार अच्छा बनता है. और पैदावार भी अधिक होती है
सरसो के प्रमुख रोग एवं कीट एवं उनका नियंत्रण कैसे करे?
आरा मक्की
सरसों की आरा मक्खी एक काले रंग की छोटी होती है जो सरसों की खेती में पत्तियों को किनारे से अथवा पत्तियों में छेद कर तेजी से खाती है ज्यादा प्रकोप से पूरा पौधा बीना पत्तियों का हो जाता है इसके नियंत्रण के लिए मेलाथियान 50 ई. सी 1 पॉइंट 5 लीटर मात्रा की 700 से 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना चाहिए
माहु
सरसो में माहू की सबसे बड़ी समस्या है यह युक्त हल्के स्लेटी रंग का किट होता है इस कीट के प्रोड़ता शिशु पौधे को कॉल तनु पत्तियों वाली नई फलियों को अरेस्ट स्टे इस कीट का प्रकोप दिसंबर से मार्च तक रहता है इसके नियंत्रण के लिए डाई में 332 1 लीटर 350 सीसी 1 लीटर मात्रा की 700 से 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना अति आवश्यक है और भी अनेक प्रकार की किट है जिनका देखरेख करके दवाइयों का समय-समय पर स्प्रे करना चाहिए
सरसो में खरपतवार नियंत्रण कैसे करे?
सरसों की खेती में खरपतवार नियंत्रण रासायनिक और नींदाई गुड़ाई दोनों तरीकों से किया जाता है रासायनिक तरीके से खरपतवार नियंत्रण करने के लिए इसके बीजों की बोने से पहले पेन्डीमेथलीन की उचित मात्रा को पानी में मिलाकर पौधों पर छिडकना चाहिए. इससे खेतों में खरपतवार काफी कम उगते है सरसो में खरपतवार नियंत्रण के लिए दो बार निंदाई गुड़ाई करना चाहिए सरसो में निदाई पहली सिंचाई से 15 दिन पहले और दूसरी निदाई पौधों की पहली सिंचाई के 10 दिन बाद करनी चाहिए.
सरसों की फ़सल कटाई कब करना चाहिए?
फसल की कटाई जेसै ही सरसो की फलिया पीली पड़ जाए तो कटाई कर लेना चाहिए और सरसो को बांधकर ओर थ्रेसर द्वारा निकाल लेना चाहिए और अंततः बोरियो में भरकर भंडारण कर लेना चाहिए .
उत्पादन –
सरसों की उपरोक्त उन्नत तकनीक द्वारा खेती करने पर असिंचित क्षेत्रो में 17 से 25 क्विंटल तथा सिंचित क्षेत्रो में 20 से 30 क्विंटल प्रति हैक्टेयर दाने की उपज प्राप्त हो जाती है।
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दोस्तों इस पोस्ट में मैने कोशिस करी है कि, मैं सरसों की खेती से जुडी सभी जानकारी आप तक शयेर कर सकूं। अगर इसके अलावा और कोई जानकारी छूट गयी है तो, कृपया कमेंट में जरूर लिखें और आपके सवाल भी सादर आमंत्रिक है, जरूर पूछें।
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