किसान भाई यह रोग धान (Paddy) के पौधों में जिंक (Zink) की कमी से होता है या रोग हमारे किसानों को पता नहीं चल पाता है की यह रोग जिंक की कमी से होता है इस रोग से पौधा पीला पढ़कर सूख जाता है जिससे किसान भाइयों को अधिक हानि का सामना करना पड़ता है इससे रोग की रोकथाम के लिए जिंक युक्त उर्वरक (Fertilizer) का उपयोग करना चाहिए।
रोग का लक्षण या पहचान-
- ज़िंक की कमी से धान (Paddy) की पत्तियां पीली पड़ जाती हैं तथा उसके बाद कत्थई रंग के धब्बे बन जाते हैं यह रोग मुख्यतः नर्सरी में दिखाई पड़ता है।
- यह रोग नर्सरी में या रोपाई के 15 से 18 दिन बाद खेत में दिखाई पड़ने लगता है।
- इस रोग से प्रभावित पौधों की ऊपरी पत्तियां पीली (Yellow Leaf) होती है तथा उन पर कत्थई रंग के धब्बे विकसित हो जाती हैं।
- इस रोग से जड़ों की बृद्धि बाधित हो जाती है और मुख्य जड़ भूरी हो जाती है।
रोग का प्रबंधन–
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- खेत में जल निकासी का उचित प्रबंधन करना चाहिए
- खेत में बुवाई से पूर्व मृदा की जांच (Soil Test) करा कर, जांच के अनुसार खेत में उर्वरक का प्रयोग करना चाहिए।
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रासायनिक नियंत्रण (Chemical Control)–
- इसरो का देखने पर 5 किलोग्राम जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate) (21%) को 25 किलोग्राम बुझा चूना के साथ मिलाकर प्रति हेक्टेयर मात्रा में 1000 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करनी चाहिए।
- इस रोग नियंत्रण के लिए रोपाई से पूर्व खेत में एक हेक्टेयर मात्रा की दर से जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate) 21% 25 किलोग्राम या जिंक मोनोहाइड्रेट (Zinc Monohydrate) 33% 12 किलोग्राम खेत में बुरकाव कर देना चाहिए।