Animal Feed Unit : पशुओं के चारे का बिजनेस एक साल में देगा करोड़ों का मुनाफा !
बिजनेस के लिये सरकार देगी 35 प्रतिशत अनुदान !
कैसे सुरु करे ऑनिमल फीड मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस पुरी जाणकारी !
कृषि और पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं. एक तरह से ये दोनों पेशे एक दूसरे के पूरक हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में फसल अवशेषों का उपयोग पशुओं के चारे के रूप में किया जाता है. पशुपालन में चारे का बहुत महत्व है.
क्योंकि पशुपालन में होने वाला 70 फीसदी खर्च चारे पर खर्च होता है. जरूरत के मुताबिक चारा नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में चारे के दाम आसमान छू रहे हैं. चारे की अनुपलब्धता के कारण कई बार पशुओं को घटिया किस्म का चारा खिलाया जाता है.
आने वाले समय में दूध की मांग और पशुपालन के प्रति लोगों का रुझान बढ़ेगा. ऐसे में पशुओं के चारे का बिजनेस आपको एक साल में करोड़ों का मुनाफा दे सकता है. प्रचुर मात्रा में दूध उत्पादन के लिए पशुओं को अच्छा चारा देना बहुत जरूरी है. कई किसान और चरवाहे अपने खेतों में चारा तैयार करते हैं और साल भर उसका भंडारण करते हैं.
कुछ किसान चारे की प्रक्रिया करते हैं. हालांकि अगर आप बड़े पैमाने पर पशुओं के चारे की प्रोसेसिंग कर कारोबार करना चाहते हैं तो इसके लिए सरकार से लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन कराना भी अनिवार्य है. ये लाइसेंस एफएसएसएआई द्वारा जारी किए जाते हैं.
इन सबके अलावा एनओसी और पशु चारा निर्माण मशीनरी के उपयोग के लिए भी पर्यावरण विभाग की अनुमति की आवश्यकता हो सकती है. पशुपालन विभाग की कुछ औपचारिकताएं भी पूरी करनी हैं.
यदि आप पशु चारा निर्माण व्यवसाय शुरू करने जा रहे हैं, तो आपको शुरुआत से ही योजना बनानी होगी. कच्चा माल, मशीनरी, श्रम का रोजगार, परिवहन के साधन, व्यवसाय का विपणन, पूँजी की व्यवस्था करनी पड़ती है. पशु चारा निर्माण इकाई में बिजली की सुविधा होनी चाहिए.
सोलर पैनल के जरिए बिजली के खर्च को बचाया जा सकता है. पशु आहार के उत्पादन एवं भण्डारण के लिए 2000 से 2500 वर्ग फुट स्थान की आवश्यकता होती है, जिसमें से 10 से 1500 वर्ग फुट मशीनरी के लिए, 900 से 1000 वर्ग फुट कच्चे माल एवं चारा भंडारण के लिए होगा.
पशु चारा बनाने के लिए चावल, गेहूं, चना, मक्का, चोकर, सोयाबीन की भूसी सीधे किसानों से सस्ते दामों पर खरीदी जा सकती है. इसके अलावा पशु चारा बेचने के लिए परिवहन, बिजली, पैकेजिंग और मार्केटिंग पर खर्च करना पड़ता है.
इस तरह कुल 10 से 20 लाख रुपये में एक पशु चारा इकाई स्थापित की जा सकती है. इतनी बड़ी रकम जुटाना गांवों में रहने वाले लोगों, किसानों या पशुपालकों के लिए संभव नहीं है.
इसे ध्यान में रखते हुए सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत केंद्र सरकार से पशु आहार निर्माण इकाई की कुल लागत पर 35 प्रतिशत अनुदान प्राप्त किया जा सकता है. नाबार्ड या अन्य वित्तीय संस्थान भी पशु चारा व्यवसाय के लिए ऋण की सुविधा प्रदान करते हैं.
कोई भी आवश्यक दस्तावेज प्रदान करके 10 लाख रुपये तक के मुद्रा ऋण के लिए आवेदन कर सकता है. पशु चारा इकाई शुरू करने के लिए सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में आवेदन करना होगा. इस योजना के तहत वित्तीय सहायता भी उपलब्ध है.
पशु चारा बेचने के लिए जीएसटी पंजीकरण भी करवाएं. यदि आप अपने स्वयं के ब्रांड नाम के तहत पशु चारा बेच रहे हैं, तो व्यापार चिह्न के साथ ISI मानक के अनुसार BIS प्रमाणीकरण भी आवश्यक है.