कोको पीट : बिना मिट्टी के खेती करने का तरीका (Coco peat : A solution for without soil farming)
दोस्तों पिछले कुछ दिनों से किसी काम में व्यस्त था इसलिए कोई नई पोस्ट नही कर पाया उसके लिए आप सभी दोस्तों से माफ़ी चाहता हूँ। दोस्तों आज एक एसी पोस्ट लाया हूँ जिसके बारे में सभी जानना चाहते हैं और इसका सुझाव मुझे एक fb friend ने दिया जो मुझसे कुछ दिनों से जुड़े हुए हैं। और मेरी प्रत्येक पोस्ट पढ़ते हैं।
दोस्तों कुछ परिस्थितियों में हम पौधे लगाने की सोच भी नही सकते उनमे से ही एक समस्या है मिट्टी की अर्थात एसी जगह जहाँ मिट्टी नही हो हम पौधे लगाने की कल्पना भी नही कर सकते क्योंकि पौधो की जड़े मिट्टी में ही उगती है।
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लेकिन अब इस समस्या का समाधान मिल गया है। इजरायल ने एक एसी तकनीक विकसित की है जिससे हम बिना मिट्टी के ही पौधे लगा सकते हैं। इस तकनीक का नाम है "कोको पीट" ।
इस तकनीक का उपयोग भारत में भी कई जगहों पर किया जा रहा है और बहुत से बागवानी प्रेमी इसका लाभ भी ले रहे हैं।
क्या है कोको पीट?
           नारियल के रेशों में प्राकृतिक रूप से बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनका उपयोग पौधे अपनी विकास क्रिया में करते हैं। इन्ही नारियल के रेशों को कृत्रिम रूप से अन्य खनिज लवणों के साथ मिलाकर कृत्रिम मृदा का निर्माण किया जाता है जिसे "कोको पीट" कहते हैं।
कोको पीट के लाभ
1. कोको पीट में जल धारण करने की अदभुत क्षमता होती है जिससे यह बहुत अधिक मात्रा में जल धारण कर सकता है और एक बार पानी देने के बाद कुछ दिनों तक पानी देने की आवश्यकता नही होती है।
2. इसका उपयोग करने पर मिट्टी की आवश्यकता नही रहती है। 
3. यह सामान्य मिट्टी की तरह ही कार्य करता है और इसमें पौधों की पैदावार भी अच्छी होती है।
4. सामान्य मिट्टी को बनने में कई साल लग जाते हैं लेकिन इसे कुछ ही दिनों में बना कर उपयोग में लिया जा सकता है।
दोस्तों इसे आप अपने घर में भी बना सकते हैं यह कुछ ही दिनों में बनकर तैयार हो जाता है। मै आपको इसको बनाने की पूरी विधि बताऊंगा लेकिन आज नही पहले मै बनाऊंगा और बनाये हुए कोको पीट की फोटो के साथ आपको बताऊंगा।
Note:- दोस्तों आपको हमारी ये पोस्ट कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरुर लिखें। दोस्तों आपकी जितनी अधिक प्रतिक्रिया आएगी हम उतनी ही तत्परता से आपकी सहायता करते रहेंगे।
 धन्यवाद।
 Reviewed by Mukesh kumar Pareek
        on 
        
5/08/2016
 
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5/08/2016
 
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1 टिप्पणी:
बहुत ही सुन्दर, पर इसे कैसे बनाया जाता है ?
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